भारत-चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि वह इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले रहे हैं और चीन पर सरकार की नीति स्पष्ट है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार सीमाओं से कोई समझौता नहीं करेगी। मई के पहले हफ्ते से लद्दाख बॉर्डर में भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है। दोनों सेनाओं के बीच कुछ दिन पहले झड़प भी हुई थी। जिसमें कई भारतीय जवान घायल हो गए थे।

न्यूज़ 18 से बात करते हुए गृह मंत्री ने कहा “एलएसी को कोई हल्के में नहीं ले सकता। अभी सेना और डिप्लोमेटिक स्तर पर बातचीत चालू है। मगर में एक बात आपको साफ करना चाहता हूँ। मोदी सरकार एक इंच भी समझौता नहीं करेगी। हम इसकी रक्षा के लिए अडिग खड़े रहेंगे।” शाह ने आगे नागरिकता कानून को लेकर भी बात की। इसको लेकर गृह मंत्री ने कहा “इसे लेकर जान बूझकर लोगों में भ्रांतियां फैलाई गईं कि सीएए से मुसलमानों की नागरिकता जाने वाली है। इसे गलत तरह से लोगों के सामने रखा गया। मैं मुस्लिम भाइयों बहनों को कहना चाहता हूँ कि सीएए के अंदर एक भी प्रोविजन ऐसा नहीं है जो किसी की भी नागरिकता ले ले।”

शाह ने आगे कहा “मैंने जब राज्य सभा में भाषण दिया तो कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और गुलाम नवी आज़ाद ने भी इसको स्वीकार किया था। तो फिर उनकी पार्टी की अध्यक्ष रामलील मैदान में क्यों ऐसा बोल रही थीं कि अपने अस्तित्व कि लड़ाई है। रोड पर आना पड़ेगा। क्यों लोगों को उकसा रहे हो?? लेकिन ये लंबा नहीं चलता है।” दिल्ली दंगों को लेकर शाह ने कहा कि दिल्ली दंगों को लेकर कठोर से कठोर कदम उठाए जाएंगे। अबतक के सभी दंगों में सबसे ज्यादा कठोर कदम इसमें उठाए जाएंगे और सजाएं भी होंगी।”

वहीं प्रवासी मजदूरों और न्याय पर बात करते हुए शाह ने कहा “राहुल गांधी अपनी योजना लेकर घूम रहे हैं कि 7500 रूपाय खाते में डाल दो। चुनाव में भी न्याय नाम की योजना घुमाई थी। मगर देश की जनता ने इसे रिजेक्ट कर दिया। वो जानते नहीं है क्या कि योजना रिजेक्ट हो चुकी है और एक साल हो गया है।” शाह ने कहा में आपको बताना चाहता हूँ कि 41 करोड़ लोगों को 53 हज़ार करोड़ रूपाय मोदी सरकार ने डीबीटी के माध्यम से सीधा खाते में दिये हैं। जन धन योजना के तहत 20 करोड़ अकाउंट को 20 हज़ार करोड़ रूपाय पहुंचाए हैं और 500 रूपाय पहुँचने वाले हैं।