Holi Vs Jume Ki Nazam Controversy: देश में इस बार होली के साथ जुम्मे की नमाज का दिन भी पड़ रहा है। इसी वजह से कई राज्यों में विवाद की स्थिति बन चुकी है। कहीं पर अगर नमाज का समय बढ़ाने की मांग की जा रही है तो कुछ राज्यों में तो नेताओं द्वारा ही दो टूक कहा जा रहा है कि नमाज घर में अदा की जाए। इस पूरे विवाद की कहानी उत्तर प्रदेश से शुरू हुई थी जहां पर संभल में सीओ अनुज चौधरी ने कहा था कि जिसको भी रंग से परहेज है, वो घर में नमाज पढ़े। उसके बाद से ही राज्य दर राज्य ऐसी बयानबाजी होती रही और अब एक विवाद की स्थिति बन चुकी है। बात चाहे यूपी की हो, मध्य प्रदेश की हो या फिर बिहार की, हर जगह इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पर संभल में होली को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। यहां पर भाजपा नेताओं द्वारा मांग की जा रही है कि जुम्मे की नमाज तो साल में कई बार आती है, लेकिन होली का त्योहार सिर्फ एक बार मनाया जाएगा। ऐसे में मुस्लिम पक्ष को समझौता करते हुए घर में ही नमाज अदा कर लेनी चाहिए। सीएम योगी आदित्यनाथ भी कह चुके हैं कि 2:00 बजे तक होली खेलने दी जाए, उसके बाद मुस्लिम पक्ष नमाज अदा कर सकता है। अभी के लिए संभल में तो भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की राजनीति में भी होली बनाम जुम्मे की नमाज का मुद्दा गूंज रहा है। हिंदू पक्ष का कहना है कि नमाज का समय बदल देना चाहिए, यहां भी अपील कर दी गई है कि जिन्हें भी रंगों से परहेज है, वो बाहर ही ना निकलें। लेकिन दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में मुस्लिम पक्ष और की धर्मगुरु दलील दे रहे हैं कि नमाज का समय बदलने की क्या जरूरत है, जब भाईचारे के साथ ही त्योहार मनाना है तो साथ मिलकर भी वो मनाया जा सकता है।

बिहार

बिहार में भी होली बनाम नमाज का मुद्दा गरमा चुका है। इस समय बीजेपी नेता हरिभूषण ठाकुर का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। उनका कहना है कि मैं मुसलमानों से अपील करना चाहता हूं कि साल में 52 जुमा (शुक्रवार) होते हैं। उनमें से एक जुमे पर होली का पर्व पड़ रहा है। इसलिए उन्हें हिंदुओं को त्योहार मनाने देना चाहिए और अगर उन पर रंग लग जाए तो उन्हें बुरा नहीं मानना ​​चाहिए। अगर उन्हें इससे कोई दिक्कत हो तो उन्हें घरों में ही रहना चाहिए। सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। उनके इस एक बयान के बाद से ही बिहार की राजनीति में उबाल है। तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है।

तेजस्वी ने कहा कि यह आपके ‘बाप का राज’ नहीं है। सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। वैसे बयान तो और भी कई विवादित रहे हैं, पढ़ने के लिए यह खबर पढ़ें