एक दक्षिणपंथी समूह ने गुरुवार को यहां पाकिस्तान इंटरनेशनल एअरलाइंस (पीआइए) के कार्यालय में तोड़फोड़ की और इसके बाद इस्लामाबाद ने यह मुद्दा विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया। समूह हिंदू सेना के चार सदस्य दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे बाराखंभा रोड की एक इमारत में पांचवीं मंजिल पर स्थित पीआइए कार्यालय गए। उन्होंने तीन कमरों में तोड़फोड़ की और कंप्यूटरों, फर्नीचर क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने समूह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है।

इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्त ने पाकिस्तान पर अपनी नाराजगी जताई और वायुसेना के पठानकोट अड्डे पर और अफगान शहर मजार-ए-शरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले के लिए उस पर दोषारोपण किया। उन्होंने कहा, ‘इस कदम के जरिए हमारी दिल्ली इकाई के सदस्यों ने अपनी नाराजगी का इजहार किया है और पाकिस्तान को एक संदेश दिया है कि उन्हें हमारी भावना का सम्मान करना चाहिए और उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिए कि हम कमजोर नहीं हैं’।

गुप्ता को पिछले अक्तूबर में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने केरल हाउस की कैंटीन में ‘गोमांस’ परोसे जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को फोन किया था। बाद में उनकी शिकायत गलत पाई गई थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने इस्लामाबाद में एक बयान में कहा कि दिल्ली में उसके उच्चायुक्त ने भारत के विदेश मंत्रालय के समक्ष यह मामला उठाया है। बयान में कहा गया है, ‘नई दिल्ली में पीआइए कार्यालय में चरमपंथियों के एक समूह द्वारा तोड़फोड़ की गई। उन्होंने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पीआइए के स्टाफ को धमकी दी और परेशान किया’।

इसमें कहा गया है, ‘पाकिस्तान उच्चायोग ने तत्काल यह मामला विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया और नई दिल्ली और मुंबई में पीआइए कार्यालयों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने और शरारती तत्त्वों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा’। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने भारत में पीआइए कार्यालयों को सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया। पुलिस ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है और अन्य तीनों आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

डीसीपी (नई दिल्ली) जतिन नरवाल ने पत्रकारों से कहा, ‘गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान ललित सिंह के रूप में हुई है जो हिंदू सेना का सदस्य है। उसके सहयोगियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं’। समूह के पीआइए कार्यालय में छोड़े गए परचे में कहा गया है कि पाकिस्तान के साथ उस समय तक कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए जब तक कि वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते जिन्होंने भारत को नुकसान पहुंचाया है। इसमें दाउद इब्राहीम और हाफिज सईद जैसे लोगों को भारत को सौंपने की भी मांग की गई।

पुलिस ने बताया कि उनके कर्मियों के वहां पहुंचने तक तीन लोग भाग गए थे। इस घटना के बाद पीआइए कार्यालय के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बाद में वहां एक केंद्रीय सुरक्षा टीम भी भेजी गई। इसके पहले पीआइए कार्यालय में अगस्त 2013 में भी एक दक्षिणपंथी समूह द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। इस बीच पीआइए ने ट्वीट किया कि नई दिल्ली में उसके कार्यालय में एक भीड़ ने हमला किया और कुछ संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।