चेन्नई जाने वाली एक उड़ान के बुधवार रात यहां से उड़ान भरने से पहले चालक दल के सदस्यों और यात्रियों से दुर्व्यवहार करने के आरोप में हिंदू महासभा के एक पदाधिकारी और दो वकीलों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों ने कथित तौर पर उस समय शराब पी रखी थी।
अखिल भारत हिंदू महासभा की तमिलनाडु इकाई के उपाध्यक्ष सुभाष स्वामिनाथन और दो वकीलों इरोड जिले के पेरूनधुरई निवासी सेंतिलकुमार और राजा को विवाद उत्पन्न होने पर विमान से नीचे उतार लिया गया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब इन लोगों ने कथित तौर पर इंडिगो की उड़ान की एक एअरहोस्टेस की मोबाइल फोन से तस्वीरें लेनी शुरू कर दी। तीनों को गुरुवार को एक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने सुभाष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यद्यपि दोनों वकीलों को जमानत दे दी गई।
पुलिस ने बताया कि आरोपी इंडिगो की उड़ान में सवार हुए थे जिसे चेन्नई से रात दस बजकर 45 मिनट पर रवाना होना था। इन लोगों ने कथित तौर पर एक एअर होस्टेस की फोन से तस्वीरें लीं जिस पर उसने आपत्ति जताई। विमानन कंपनी के मुताबिक, तीनों यात्रियों ने चालक दल के अनुरोध पर तस्वीरें फोन से हटा दीं लेकिन जब इंडिगो सुरक्षा प्रबंधक ने यात्रियों से स्थानीय भाषा में विमान में शिष्टाचार बनाए रखने का अनुरोध किया तो ये यात्री भड़क गए और एअरलाइन कर्मचारियों को धमकी दी।
पुलिस के मुताबिक, ज्यादातर यात्रियों ने कथित तौर पर चेतावनी दी कि तीनों को यदि उड़ान में यात्रा की इजाजत दी गई तो वे विमान से नीचे उतर जाएंगे। इंडिगो ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा कर्मचारियों ने तब सीआइएसएफ को सूचना दी जिन्होंने इन यात्रियों को विमान से नीचे उतार लिया। कंपनी ने अन्य यात्रियों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी और उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। पुलिस ने बताया कि तीनों को पुलिस थाने ले जाया गया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के कारण उड़ान में एक घंटे की देरी हुई।
पुलिस ने कहा कि गुरुवार तड़के इस मामले में वकीलों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निरोधक एवं निवारण) कानून के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। तीनों को मजिस्ट्रेट राजावेलू के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने वकीलों को जमानत दे दी लेकिन सुभाष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले मजिस्ट्रेट ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत पर आपत्ति जताए जाने पर मामले के कुछ तकनीकी पहलू को लेकर फैसला बाद के लिए सुरक्षित रख लिया था।
गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्तियों ने कथित तौर पर उस समय शराब पी रखी थी।