Assam News: असम में अतिक्रमण और घुसपैठियों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन हो रहा है और लेटेस्ट मामला असम के गोलपाड़ा से सामने आया है। यहां जिला और वन विभाग के अधिकारियों ने वन विभाग की 1140 बीघा की जमीन पर अतिक्रमण करके रह रहे 580 परिवारों को हटाने का काम शुरू हो गया है और उनके ठिकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।

गोलपाड़ा के डीसी प्रदीप तिमुंग के अनुसार, निष्कासन अभियान में कम से कम दो दिन लगने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हमने 580 परिवारों को बेदखली के नोटिस जारी किए हैं। ज़मीन का पूरा हिस्सा दहिकाता रिजर्व फ़ॉरेस्ट के अंतर्गत आता है और इन लोगों ने उस पर अतिक्रमण कर लिया है।

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असम में चल रहा अतिक्रमण विरोधी अभियान

असम में इस साल बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चला है, जिसमें कई ज़िलों में कई तोड़फोड़ अभियान चलाए गए हैं। सरकार ने इस कदम को एक धर्म के लोगों द्वारा जनसांख्यिकीय आक्रमण को रोकने का एक तरीका बताया है। प्रभावित लोगों में से कई बंगाली मूल के मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। जुलाई और अगस्त के महीनों में यह अभियान अपने चरम पर था लेकिन 19 सितंबर को असमिया सुपरस्टार गायक ज़ुबीन गर्ग की मौत के बाद यह शांत हो गया, जो तब से राज्य में सुर्खियों में छाया हुआ है। रविवार का बेदखली अभियान पिछले दो महीनों में पहला बड़ा अभियान है।

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पहले भी चलाए गए कई अभियान

ग्वालपाड़ा ज़िले में ही वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए कई बड़े बेदखली अभियान चलाए गए हैं। उदाहरण के लिए, ज़िले के पैकन रिजर्व फ़ॉरेस्ट में 140 हेक्टेयर वन भूमि को खाली कराने के लिए 12 जुलाई को ऐसा ही एक बेदखली अभियान चलाया गया था। 16 जून को ज़िले के हसीला बील में एक आर्द्रभूमि क्षेत्र से 600 से ज़्यादा परिवारों को बेदखल करने का अभियान चलाया गया था।

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मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दो दिन पहले फेसबुक लाइव पर बेदखली अभियान की घोषणा की थी । गर्ग की मौत के बाद असम में फैले तनाव और इसकी जांच को लेकर राज्य सरकार पर पड़ रहे दबाव का ज़िक्र किया था।

सीएम हिमंता बिसवा सरमा ने कहा कि बहुत से लोग सोच रहे थे कि क्या बेदखली रुकेगी। हमने हिमंत बिस्वा सरमा पर इतना दबाव बना दिया है कि अब उनमें बेदखली करने की हिम्मत नहीं बचेगी। मैं आपको बता देना चाहता हूं कि मैं आपको खुश नहीं कर सकता। 9 और 10 नवंबर को, ग्वालपाड़ा के दहिकाता जंगल में बेदखली शुरू हो जाएगी।