हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण लैड स्लाइड की कई घटनाओं की सूचना मिली है। राज्य में भारी बारिश के कारण कसौली में पर्यटन चरमरा गया है। पर्यटकों के न आने और खाली होटलों ने कसौली पर्यटन उद्योग में लॉकडाउन का माहौल है। फेमस हेरिटेज मार्केट के कई दुकानदारों ने अपना कारोबार बंद कर दिया है।

पर्यटन उद्योग की हालत खस्ता

पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक कसौली पिछले कई दिनों से मुख्यधारा के शहरों से कटा हुआ है। हालांकि, स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है पर हेरिटेज मार्केट की कई दुकानें पर्यटकों की अनुपस्थिति में बंद हैं। होटल मैजेस्टिक सीडर के प्रबंधक अतुल चंदेल ने कहा कि जीरो बुकिंग, जल्दी चेक आउट, भविष्य की कोई बुकिंग नहीं होने से होटल को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि यहां काम करते हुए पिछले 18 सालों में, यह पहली बार हुआ है कि मानसून की बारिश ने इतनी तबाही मचाई है।

अतुल चंदेल ने कहा कि यह कसौली का पर्यटन सीजन है और पिछले सालों में उनका कारोबार इतना अधिक प्रभावित कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि एक छोटा हिल स्टेशन होने के नाते अधिकांश व्यवसाय पर्यटन से आते हैं जो पूरी तरह से चरमरा गया है।

लॉकडाउन जैसे हालात

पर्यटन के हालिया परिदृश्य ने होटल द चेटू के प्रबंधक संजीव कुमार को लॉकडाउन अवधि की याद दिला दी है। उन्होंने कहा कि पिछली बार कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान हमारे होटल जीरो बुकिंग और पर्यटकों की अनुपस्थिति के कारण पूरी तरह से खाली थे। होटल की सभी बुकिंग रद्द कर दी गई हैं। मई, जून, जुलाई इन तीन महीनों के बिजनेस के दम पर ही होटल इंडस्ट्री पूरे साल टिकी रहती है। उन्होंने कहा कि जीरो इनकम के साथ, हमारे कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल होगा।

इस वक्त सुरक्षित नहीं है पहाड़ों पर जाना

इस बीच हेरिटेज मार्केट के कई दुकानदारों ने यह दावा करते हुए अपनी दुकानें बंद कर दीं कि पिछले पांच दिनों से पर्यटक और बिजली नहीं होने के कारण दुकानें चलाना लगभग असंभव है। कसौली के एसडीएम गौरम महाजन ने कहा कि पहाड़ फिलहाल बहुत सुरक्षित नहीं हैं और उम्मीद है कि आने वाले समय में बेहतर समय आएगा। कोविड के बाद इस हिल स्टेशन का पर्यटन उद्योग कई गुना फला-फूला। SDM ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस आपदा के बाद भी उद्योग निश्चित रूप से आगे बढ़ेगा। प्रशासन सभी प्रयास कर रहा है और हम पर्यटन उद्योग को शुभकामनाएं देते हैं कि जल्द ही चीजें बेहतर होंगी और यह फिर से ऊंचाई की ओर जाएगा।

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण राज्य में भूस्खलन की कई घटनाओं की सूचना मिली है। मशीन पर चट्टान गिर जाने से मंडी-पंडोह सड़क सात माइल के करीब दोबारा अवरूद्ध हो गई। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि लैंड स्लाइड से शिमला में संजौली-लक्कर बाजार रोड भी अवरूद्ध हो गया। राज्य में 720 सड़कें बंद हैं, जहां मरम्मत कार्य जारी है। स्थानीय मौसम विभाग कार्यालय ने राज्य में कुछ स्थानों पर 21 जुलाई तक भारी बारिश के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है और 23 जुलाई तक बारिश होने का अनुमान लगाया है।

राज्य आपात प्रतिक्रिया केंद्र के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मानसून की दस्तक के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में 122 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12 लोग लापता बताये जा रहे हैं। बारिश के कारण राज्य को कुल 4,636 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। राज्य में सोमवार को मंडी जिले के कटौला में सबसे अधिक 89 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई। बग्गी में 41.5 मिमी बारिश हुई। सेओबाग में 41 मिमी, नाहन में 36.5, सुंदरनगर में 32, मिमी बारिश हुई।

(Story by Nainu Rohtaki)