हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव 2024 में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां कांग्रेस के 6 विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी। जिसके चलते कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए। राज्यसभा सीट गंवाने के बाद मंगलवार शाम को कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया से बात की। अपनी हार स्वीकार करने और भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को बधाई देने के साथ ही सिंघवी ने इसे अपने लिए सबक बताया। साथ ही उन्होंने शायराना अंदाज में फिर से वापस लौटने की बात कही।

अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा कि कांग्रेस की लीडरशिप का धन्यवाद करना चाहता हूं। सीएम साहब और हर विधायक को धन्यवाद करना चाहता हूं। कांग्रेस नेता ने कहा, “उन 9 विधायकों को भी धन्यवाद करना चाहता हूं। जो कल रात तक हमारे साथ बैठे थे। इनमें से तीन हमारे साथ नाश्ता करके गए। इससे मुझे निजी रूप से शिक्षा मिली है।”

कल रात तक हमारे साथ थे- अभिषेक मनु सिंघवी

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “उन नौ विधायकों को भी धन्यवाद जो कल रात तक हमारे साथ थे। जिन्होंने हमारे साथ खाना खाया, हमारे साथ जलपान किया और फोटो ली। इन 9 में से कई थे जिन्होंने मेरा नामांकन प्रस्तावित किया था और मेरे नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किया था।” उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं, इनमें से तीन विधायक तो आज सुबह हमारे साथ नाश्ता करके गए थे।

कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि इस हार से हमें बड़ी सीख मिली है। हमने हारते-हारते भी इतिहास बनाया है। 34-34 का आकंड़ा आया। एक वोट भी इनवैलिड नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा, “जो हुआ सो हुआ, हमें भविष्य का सोचना चाहिए। मैं पलट के आऊंगा, शाखों पर खुशबू लेकर, पतझड़ की जद में हूं, मौसम जरा बदलने दो।”

अपने ईमान को बेचा है- सीएम सुक्खू

क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर सीएम सुक्खू ने कहा, “इन्होंने अपना ईमान ही बेच दिया। ये नाराजगी का वोट नहीं था। हिमाचल की संस्कृति में ऐसा नहीं था। इन्होंने अपने वोट को बदला है। अपने ईमान को बेचा है।”

अधिकारियों ने बताया कि मुकाबला 34-34 मतों से बराबरी पर रहा था लेकिन उसके बाद महाजन को ‘ड्रॉ’ के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है जिसके पास 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 विधायक हैं और उसने निर्दलीयों का समर्थन होने का भी दावा किया है। इस परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि नौ विधायकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस के 5-6 विधायकों को अगवा कर लिया गया और उन्हें सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस के काफिले में साथ ले जाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इन विधायकों के परिजन उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।