Himachal Congress Turmoil: हिमाचल प्रदेश में सियासी रस्साकशी जारी है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार सुबह अपने सरकारी आवास ओकओवर में ब्रेकफास्ट के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया के अलावा 32 कांग्रेस विधायक सुबह से शाम तक यहां पर मौजूद रहे। हालांकि, कुछ बागी विधायकों ने सीएम सुक्खु के द्वारा दिए गए बेक्रफास्ट से किनारा कर लिया। उन सभी ने गुरुवार की सुबह पंचकुला के एक होटल में मक्की की रोटी, सरसों का साग और लस्सी का आनंद लिया।
एक बागी विधायक राजिंदर राणा ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद वे अगली कार्रवाई के बारे में बहुत साफ थे। उन्होंने कहा कि हम कल सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हमें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया है। इस बात की जानकारी हमें 27 फरवरी को रात 11.57 बजे मिल चुकी थी। उन्होंने आगे कहा कि स्पीकर ने जल्दबाजी और सीएम व आलाकमान के दबाव में काम किया है। यह फैसलै पूरी तरह से असंवैधानिक है।
सरकार किसी भी गारंटी को पूरा नहीं कर रही
धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि चौथी बार चुने जाने के बाद भी उनका अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि एक विधायक के तौर पर जो सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिला। इसके अलावा सरकार विधानसभा चुनाव के दौरान घोषित किसी भी गारंटी को पूरा नहीं कर रही है। वहीं, एक अन्य विधायक दविंदर बुट्टो ने कहा कि महिलाओं को 1,500 रुपये देने की एक गारंटी को भी पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, महिलाएं मुझसे पूछती हैं कि उन्हें 1,500 रुपये कब मिलेंगे। मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है।
चैतन्य शर्मा ने कहा कि उनके गगरेट निर्वाचन क्षेत्र को विकास के मामले में नजरअंदाज किया गया है। सीएम गगरेट आए और पांच घोषणाएं कीं। लेकिन इनमें से सिर्फ दो पर ही काम शुरू हो सका है। सीएम सुक्खु का रवैया काफी तानाशाही वाला रहा है। चैतन्य ने कहा कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम करना है। वह राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट देने के बदले पैसे लेने के आरोप में मानहानि का मुकदमा दायर करने पर विचार कर रहे हैं।
लंबे समय तक पार्टी के लिए मेहनत की
इंद्र दत्त लखनपाल ने हिमाचल से उम्मीदवारों की संभावित लिस्ट बनाई थी, जिन्हें राज्यसभा चुनाव में उतारा जा सकता था। आनंद शर्मा ने लंबे समय तक पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है। अगर उन्हें नहीं तो कौल सिंह ठाकुर या राम लाल ठाकुर को मैदान में उतारा जा सकता था। लेकिन किसी बाहरी उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया। इंद्र दत्त ने कहा कि मैंने 42 सालों तक पार्टी के लिए काम किया है। लेकिन पिछले 10 से 15 सालों में हालात बदतर हो गए हैं।
अब सेवादल, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस और एनएसयूआई की जमीनी स्तर पर कोई मौजूदगी नहीं है। केंद्रीय पर्यवेक्षक होटलों में आकर रुकते हैं। वे पार्टी के कार्यकर्ताओं से बातचीत नहीं करते ठहरते हैं। हमीरपुर से निर्दलीय आशीष शर्मा ने कहा कि वे मुख्यमंत्री सुक्खू के क्षेत्र से ही संबंधित हैं। मैं उनसे पिछले सात महीनों से मिलने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन वे अभी तक मुझसे मिल ही नहीं पाए।
