मोदी सरकार के 8 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश के दौरे पर पहुंचे थे। पीएम मोदी ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पहले के लोग (तत्कालीन कांग्रेस सरकार के नेता) अटकी-लटकी-भटकी योजनाओं के बारे में बातें किया करते थे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने जनसभा में आए हुए लाभार्थियों से भी बात की और योजनाओं के बारे में उनसे जानकारी ली। कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के लाभार्थी शामिल हुए। पीएम मोदी ने इसके साथ ही करोड़ों किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा भी ट्रांसफर किया।

पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा, “2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था। तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी। तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है। जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है। पहले रसोई में धुआं सहने की मजबूरी थी और आज उज्ज्वला योजना से सिलेंडर पाने की सहूलियत है।”

पीएम मोदी ने वन रैंक-वन पेंशन का किया जिक्र: पीएम मोदी ने वन रैंक-वन पेंशन का जिक्र करते हुए कहा, “ये हमारी ही सरकार है जिसने चार दशकों के इंतजार के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया। हमारे पूर्व सैनिकों को एरियर का पैसा दिया। इसका बहुत बड़ा लाभ हिमाचल के हर परिवार को हुआ है।”

विदेश नीति की पीएम ने की तारीफ: पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत सर झुकाकर बात नहीं करता। उन्होंने कहा, “2014 से पहले जब मैं आपके बीच आता था, तो कहता था कि भारत दुनिया से आंख झुकाकर नहीं, आंख मिलाकर बात करेगा। आज भारत मजबूरी में दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाता, बल्कि मदद करने के लिए हाथ बढ़ाता है। कोरोना काल में भी हमने 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां भेजी हैं, वैक्सीन भेजी हैं।

पीएम मोदी ने लोगों के कल्याण के लिए काम करने की बात कही। उन्होंने कहा, “जब हमारी सरकार अपने आठ वर्ष पूरे कर रही है, तो मैं अपना संकल्प फिर दोहराउंगा। हर भारतवासी के सम्मान के लिए, हर भारतवासी की सुरक्षा, हर भारतवासी की समृद्धि के लिए, भारतवासी को सुख-शांति की जिंदगी कैसे मिले, हर किसी का कल्याण करने के लिए जितना काम कर सकूँ, उसको करता रहूं।”