Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने अपने डिपार्टमेंट के 9 सदस्यीय अधिकारियों के दल के साथ अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा शनिवार को स्थगित कर दी। डेलीगेशन में उनके बेटे को शामिल किए जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया था। स्वास्थ्य सचिव की तरफ से जारी और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सचिव को भेजे गए पत्र के मुताबिक, शांडिल के नेतृत्व में डेलीगेशन 2 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक लंदन और फ्रांस की यात्रा पर जाता।

ऐसा इसलिए ताकि हेल्थ मॉडल को एक्सप्लोर किया जा सके, मेडिकल अचीवमेंट और पॉलिसी फ्रेमवर्क का पता लगाया सके। इस डेलीगेशन में शांडिल के बेटे डॉ. (कर्नल) संजय शांडिल भी अन्य लोगों के साथ शामिल थे। उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के सहयोगी के रूप में दिखाया गया था। जल्दबाजी में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में शांडिल ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुई तबाही का हवाला देते हुए कहा, “राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए दौरे को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।”

यह पूरा घटनाक्रम जय राम ठाकुर द्वारा शांडिल की प्रस्तावित विदेश यात्रा को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोलने के कुछ ही घंटों बाद सामने आया है। ठाकुर ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में कहा, “पूरा राज्य आपदा के प्रभाव से जूझ रहा है। न तो सड़कें, न ही बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं बहाल हुई हैं। मरीज इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं। हिमकेयर योजना के तहत भुगतान न होने के कारण कैंसर के मरीज इलाज के बीच में ही फंस गए हैं। फिर भी, स्वास्थ्य विभाग सरकारी खर्च पर परिवार और दोस्तों के साथ लंदन-पेरिस की यात्रा की योजना बनाने में व्यस्त है। यह एक बेशर्म सरकार है जिसने शासन में बदलाव का वादा किया था।”

निजी खर्च पर बेटे और बहू को करनी थी यात्रा- शांडिल

पत्रकारों की तरफ से पूछे गए सवाल पर शांडिल ने माना कि उनके बेटे और बहू दोनों को यात्रा करनी थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वे निजी खर्च पर ऐसा कर रहे हैं। शांडिल ने कहा, “मेरा बेटा स्वास्थ्य कारणों से मेरे साथ यात्रा कर रहा था। परिवार के सदस्य अपने खर्चे पर यात्रा कर सकते हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।”

जब पत्रकारों ने और सवाल पूछे तो शांडिल ने पलटवार करते हुए कहा कि मीडिया को सार्वजनिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि इस पर कि कौन विदेश यात्रा कर रहा है और किसके साथ यात्रा कर रहा है। अपनी विदेश यात्रा के उद्देश्य को सही बताते हुए मंत्री ने कहा, “यह दौरा स्थगित किया गया है, रद्द नहीं किया गया है। हम अगले छह महीनों में इस एक्सपोज़र विजिट पर जा सकते हैं। हमसे आगे के देशों से सीखना हमेशा अच्छा होता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को आने दीजिए, मैं उनसे इस विषय पर चर्चा करूंगा।”

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अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा- शांडिल

यह पूछे जाने पर कि आधिकारिक पत्र में उनके बेटे को सहयोगी बताया गया है। शांडिल ने कहा कि पत्र का ड्राफ्ट तैयार करने वाले अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। शांडिल के साथ आए प्रतिनिधिमंडल में विधायक संजय रतन और कैप्टन रणजीत राणा (रिटायर्ड), स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी, स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर डॉ. गोपाल बेरी, एनएचएम मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप ठाकुर, एचपीएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर दिव्यांशु सिंघल, डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन डॉ. राकेश शर्मा, एनएचएम राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनादि गुप्ता और मंत्री के बेटे शामिल थे।

विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल में मंत्री के बेटे की उपस्थिति की कई तरफ से आलोचना हुई और विपक्ष ने कांग्रेस सरकार पर सार्वजनिक खर्च पर विलासितापूर्ण भ्रमण का प्रयास करने का आरोप लगाया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में मंत्री के परिवार के सदस्य को शामिल करना औचित्य पर सवाल उठाता है। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, “ऐसे समय में जब राज्य आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, ऐसे में इस तरह की विदेश यात्राएं अनुचित हैं। सरकार को विदेश यात्राओं की योजना बनाने के बजाय स्थानीय अस्पतालों को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।”

शांडिल ने बीजेपी पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया

शांडिल ने बीजेपी पर उनके विदेश दौरे के बारे में जानबूझकर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। शांडिल ने कहा, “हमने कई सुधार किए हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज और चमियाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी शुरू हो गई है। बीजेपी शासन के दौरान, अस्पतालों में न तो डॉक्टर थे और न ही कोई सुविधा। आज हमने 200 डॉक्टरों की भर्ती की है और 200 और नियुक्तियां की जा रही हैं। बहुत जल्द, सभी पैरामेडिकल स्टाफ, डॉक्टर और विशेषज्ञ नियुक्त हो जाएंगे।”

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