हिजाब विवाद (Hijab Row) पर कुछ देशों की आलोचना को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह हमारे देश का आंतरिक मसला है। इस पर किसी प्रकार की प्रेरित टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं। शनिवार (12 फरवरी, 2022) को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जो लोग भारत को जानते हैं उन्हें वास्तविकताओं की पर्याप्त समझ होगी। बागची की यह टिप्पणी कर्नाटक में पनपे हिजाब विवाद पर कुछ देशों की टिप्पणियों के बारे में मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर आई।

उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक के कुछ शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म (वर्दी) से जुड़े नियमों से जुड़े मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट विचार कर रहा है।मंत्रालय के बयान के मुताबिक, “हमारे संवैधानिक ढांचे, लोकतांत्रिक लोकाचार और राजतंत्र के संदर्भ में मुद्दों पर विचार किया जाता है, उनका हल निकाला जाता है। हमारे आंतरिक मुद्दों पर किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं।”

उधर, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वादा किया है कि सूबे में विधानसभा चुनाव के बाद वे यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लागू करने से राज्य में सभी के लिए समान अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा। जैसे ही राज्य में नई भाजपा सरकार बनेगी, वह राज्य में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाएगी। यह यूसीसी सभी लोगों के लिए विवाह, तलाक, भूमि-संपत्ति और विरासत के बारे में समान कानून प्रदान करेगी, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

‘समान नागरिक संहिता वक्त की जरूरत’

इस बीच, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि समान नागरिक संहिता ‘‘वक्त की जरूरत’’ है और इस पर समाज और संसद दोनों में चर्चा होनी चाहिए। पत्रकारों से वह आगे बोले, ‘‘कुछ वोट के सौदागर हैं, जो सियासी लाभ के लिए स्कूलों में हिजाब पहनने जैसी अतार्किक मांग का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे लोग वोटों के लिए निर्दोष बच्चियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मेरा मानना है कि समान नागरिक संहिता वक्त की जरूरत है और इसके बारे में सड़क से लेकर संसद तक चर्चा की जानी चाहिए।’’

कहां से चालू हुआ विवाद?

हिजाब विवाद बीते दिनों कर्नाटक के उडुपी में शुरू हुआ था। कुछ छात्राओं को तब कॉलेज में क्लास में हिजाब पहनकर आने से कथित तौर पर रोका गया। इसके बाद हिंदू छात्र भगवा गमछा लेकर स्कूल-कॉलेज आने लगे। बाद में राज्य के अन्य स्थानों पर भी पक्ष-विपक्ष में प्रदर्शन होने लगे जिसके बाद राज्य सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों में तीन दिन की छुट्टी घोषित कर दी थी।

सूबे में 16 फरवरी तक शैक्षणिक संस्थान रहेंगे बंद

कर्नाटक में हिजाब विवाद के मद्देनजर राज्य में उच्च शिक्षा विवि और कॉलेजों में छुट्टियों की घोषणा बढ़ाकर 16 फरवरी तक के लिए कर दी गई है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने एक बयान में कहा कि हालांकि एग्जाम निर्धारित समय पर होंगे और ऑनलाइन क्लास चलाते रहने का निर्देश दिया गया है।