गुजरात के वडनगर स्थित उस धरोहर विद्यालय का जीर्णोद्धार किया गया है और ‘प्रेरणा’ परियोजना के तहत पुनर्विकास किया जा रहा है जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली थी। ‘प्रेरणा’ परियोजना के तहत विद्यालय के पुनर्विकास का उद्देश्य यह है कि यह विद्यालय बच्चों के लिए एक प्रेरणा केंद्र के तौर पर काम करे।
उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में बने इस विद्यालय का जीर्णोद्धार भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने एक पुरानी स्थापत्य शैली में किया है। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री की दृष्टि के आधार पर अपनी तरह की पहली विद्यालय पुनर्विकास परियोजना ‘प्रेरणा: द वर्नाक्युलर स्कूल’ देश के युवाओं को परिवर्तन के उत्प्रेरक बनने के लिए प्रेरित करने के वास्ते शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुराने स्कूल का वास्तुशिल्प जीर्णोद्धार और पुनर्विकास ऐतिहासिक शहर वडनगर के लिए एक समग्र एवं बड़ी पुनर्विकास योजना का हिस्सा है।
एक सूत्र ने कहा, ‘कार्यक्रम इस वर्ष के अंत में शुरू होने की उम्मीद है। देश के प्रत्येक जिले से दो छात्र इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। प्रत्येक समूह में 30 छात्र होंगे, जो 15 जिलों को कवर करेंगे और इसके तहत 50 सप्ताह में सभी 750 जिले को कवर कर लिया जाएगा।’ सूत्र ने कहा कि यह अनुभव से प्रेरित विद्यालय एक अद्वितीय शिक्षा प्रदान करेगा।
सूत्र ने कहा कि यह बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने और भविष्य में परिवर्तन के उत्प्रेरक बनने के लिए प्रेरित करने के लिए गैर परंपरागत और तकनीक-आधारित, दोनों साधनों का उपयोग करेगा। सूत्र ने कहा कि इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य वडनगर से शुरू करके सभी जिलों में भारतीयों को प्रेरित करना है। स्कूल की इमारत के बारे में सूत्र ने कहा कि इसके जीर्णोद्धार का काम 2018 में शुरू हुआ था।
सूत्र ने कहा, ‘पुरानी इमारत का जीर्णोद्धार वास्तुकला के स्थानीय तत्त्वो का उपयोग करके एवं मूल इमारत की एक कल्पना करके किया गया है।’ अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर गुजरात के मेहसाणा जिले में वडनगर, लगभग 28,000 की आबादी वाला एक ऐतिहासिक शहर है।