उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आई भारी बारिश ने हरिद्वार के ग्रामीण मैदानी क्षेत्रों में तबाही मचा दी है। हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र के करीब ढाई सौ से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जहां कई फसलें चौपट हो चुकी हैं। खेत पानी में डूबे हुए हैं। कई मकान बाढ़ की चपेट में आने से ढह गए हैं। लक्सर में बाढ़ की विभीषिका के चलते हरिद्वार जिले को उत्तराखंड सरकार ने बाढ़ग्रस्त जिला घोषित कर दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस बार क्षेत्र में मानसून की बारिश जिस तरह से आफत बनकर आई और उसने इस क्षेत्र के खेत-खलियानों को जलमग्न कर दिया और बाढ़ ने किसानों की खेतों में लहलहाती फसलों को नष्ट कर दिया। इससे किसानों का जबरदस्त आर्थिक नुकसान हुआ है। जानकारों की मानें तो ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
उद्योगों के प्रदूषित पानी ने खेतों को बनाया विषैला
हरिद्वार जिले के लक्सर, खानपुर, मंगलौर क्षेत्र के 35 से अधिक गांव का जायजा लेने के बाद उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने खुलासा किया है कि इस बार बारिश के कारण क्षेत्र के किसानों की फसल तो चौपट हुई है साथ में हरिद्वार क्षेत्र के सिडकुल के उद्योगों से जो रासायनिक प्रदूषित पानी भारी बारिश के कारण क्षेत्र के खेतों में आया है उसने क्षेत्र की जमीन को विषैला बना दिया है।
उन्होंने आशंका जताई कि उद्योगों के प्रदूषित रासायनिक पानी से इस क्षेत्र के खेतों की जमीन अपनी उर्वरा शक्ति को खो सकती है। कृषि मंत्री जोशी ने बताया कि केंद्र सरकार की टीम इस क्षेत्र का सर्वे कर रही है और राज्य सरकार भी एक बार सर्वे करा चुकी है।
बाढ़ से हरिद्वार में हुए नुकसान का आंकड़ा
हरिद्वार जनपद के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में कुल बोया गया क्षेत्रफल 91301.0 हेक्टेयर है। इसमें बाढ़ के कारण आपदा प्रभावित 53883 हेक्टेयर क्षेत्र है। राष्ट्रीय आपदा राहत बल और राज्य आपदा राहत बल द्वारा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का जो सर्वे कराया गया है, उनके मानक के अनुसार उसमें प्रारंभिक क्षतिपूर्ति का आगणन 38.56 करोड़ रुपए है।
बाढ़ के कारण प्रभावित मन्ना, धान, चारा, सब्जी फसलें आदि अत्यधिक प्रभावित हुई हैं और यह फसलें बुरी तरह चौपट हो गई हैं। अभी इस क्षेत्र का सर्वे का कार्य चल रहा है, अंतिम रिपोर्ट आने पर वास्तविक नुकसान का पता लगेगा, अनुमान है कि जो प्रारंभिक नुकसान से बहुत अधिक बैठेगा।
सर्वाधिक नुकसान वाले ग्रामीण क्षेत्र
हरिद्वार के 35 गांवों में विधानसभा क्षेत्र खानपुर क्षेत्र के मुंडाखेड़ा, सदाबाद, कान्हेवाली, पोसोवाली, डेरियो, मोहनेवाला, खानपुर, तुगलपुर, मैडबेला, चांदपुरी खुर्द, चांदपुरी कला, नाइवला, डालवाला, प्रहलादपुर, गोवर्न्धनपुर, गÞनौली, डबकी, भूरनी, कुखेड़ा, लंधौरा ,विधानसभा क्षेत्र लक्सर के ऐठल बुजुर्ग, सेठपुर, हुसैनगंज, हड़वालानाला, मुण्डा, खेड़ाकला, अंगोड़ाखेड़ा और विधानसभा क्षेत्र मंगलोर के आमखेड़ी, मुंडलाना, खालसा मोहल्ला, लिबरेडी, लखनोता टिकोला में काफी नुकसान हुआ है।
गंगा और सोलानी में आई बाढ़ ने मचाई तबाही
पहाड़ों में जबरदस्त बारिश होने के कारण गंगा और सोलानी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया था और जिसने हरिद्वार के ग्रामीण मैदानी क्षेत्रों में जमकर कहर ढाया। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा से भी ज्यादा इस बार बाढ़ ने इस क्षेत्र का नुकसान किया। देहरादून के चकराता क्षेत्र से हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली सोलानी नदी में जलस्तर गंगा नदी से भी ज्यादा रहा।