जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा समेत देश के उत्तरी हिस्सों में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में कई लोगों की मौत भी हो गई है। वहीं उत्तराखंड के लिए भी रेड अलर्ट जारी हुआ है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद उफनती यमुना अब शांत होने लगी है और पानी कम हो गया है। लेकिन दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में अभी भी पानी भरा हुआ है। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम दस लोगों की मौत हो गई है।
पंजाब और हरियाणा के कई जिले भी बारिश से काफी प्रभावित हुए हैं और दोनों राज्यों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 55 लोगों की मौत हो गई है। हिमाचल प्रदेश को लगभग 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पहाड़ी राज्य में भारी बारिश ने तबाही मचाई है, भूस्खलन और अचानक बाढ़ से सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है।
उत्तर प्रदेश का हाल
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है, इससे बाढ़ के खतरे को लेकर अंदेशा जताया जा रहा है। इन इलाकों में पहले भी बाढ़ आ चुकी है। गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 11 सेमी और छतनाग में 24 सेमी बढ़ गया है। नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 29 सेमी बढ़ गया है। मौसम विभाग ने मौसम को लेकर जो आसार जताए हैं उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में अगले चौबीस से लेकर 48 घंटे में तेज बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश के देवरिया, गोरखपुर,संत कबीर नगर,बस्ती, कुशीनगर,महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर,गोंडा, बलरामपुर,हरदोई, फर्रुखाबाद,कन्नौज, बाराबंकी, अयोध्या, कासगंज और अन्य इलाकों में बारिश की संभावना है।
असम में बाढ़ के हालात
असम में बाढ़ से हालात बेहद खराब हैं।बिश्वनाथ में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर है और लगभग 32,400 लोग प्रभावित हैं। बिश्वनाथ सब-डिवीजन के अंतर्गत 47 गांव अभी भी पानी में डूबे हुए हैं और बाढ़ के पानी में 858 हेक्टेयर फसल क्षेत्र डूब गया है।
हिमाचल में बढ़ा नुकसान
हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ से लगभग 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। फिलहाल कई इलाकों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी है। सरकार के मुताबिक शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर अभी भी भारी बारिश की संभावना है। वहीं लाहौल-स्पीति और किन्नौर के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश होगी।