तमिलनाडु और पड़ोसी पुडुचेरी के कई क्षेत्रों में रविवार को भी वर्षा हुई और मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे में और वर्षा हो सकती है क्योंकि निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी से खिसककर कन्याकुमारी के समीप आ गया है। यहां एक भवन के ढह जाने पर 27 साल के एक व्यक्ति की मौत के साथ ही पिछले महीने उत्तरपूर्व मॉनसून के शुरुआत के बाद से वर्षा जनित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 122 हो गयी। यहां क्षेत्रीय मौसम केंद्र के निदेशक एस आर रामनन ने कहा, ‘‘निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम की दिशा में खिसककर कन्याकुमारी के पास पहुंच गया है और तटीय जिलों में अगले 24 घंटे में मूसलाधार वर्षा होगी।’’
उन्होंने बताया कि चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में आसमान में बादल छाये रहेंगे और एक या दो स्थानों पर मध्यम स्तर की वर्षा होगी। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पुडुकोट्टई जिले के इल्लुम्बुर में नौ सेंटीमीटर और पुडुचेरी में सात सेंटीमीटर वर्षा हुई।
शहर के ओट्टेरी इलाके में आंशिक रूप से गिराया गया एक भवन ढह कर दूसरे भवन पर गिर गया और एक व्यक्ति की मौत हो गयी तथा एक महिला घायल हो गयी। चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लुर जिलों में स्कूल और महाविद्यालय मॉनसून के प्रकोप की वजह से दस दिनों तक बंद रहने के बाद अब सोमवार को खुलेंगे। हालांकि पुडुचेरी सरकार ने भारी वर्षा होने की वजह से सोमवार के लिए विद्यालयों में अवकाश की घोषणा कर दी है।
इसी बीच, तमिलनाडु के वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के दो दिवसीय दौरे पर आयीं भाजपा नेता और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘जिस तरह से औद्योगिक इकाइयों पर बुरा असर पड़ा हैं, उससे मैं बहुत दुखी हूं। निश्चित तौर पर मैं इसे भारत सरकार के सामने उठाऊंगी। प्रथम मैं इस विषय को उद्योग मंत्री के सामने रखूंगी।’’
बाढ में डूब गए अंबात्तूर औद्योगिक एस्टेट की औद्योगिक इकाइयों को देखने के पश्चात उन्होंने कहा, ‘‘पहले मैं यह विषय उद्योग मंत्री के सामने उठाऊंगी। फिर मुझे मिले विवरण के साथ मैं मुख्यमंत्री (जयललिता) को वर्षा के प्रभाव के बारे में विस्तार से पत्र लिखूंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसे बहाल करने के लिए बड़े कदम की जरूरत है। हम इसतरह कदम उठाएंगे कि जलप्लावित इकाइयां सामान्य रूप से कामकाज करे।’’
इसी बीच तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ई वी के एस इलानगोवन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत रूप से दौरा करने और नुकसान का मूल्यांकन करने पर पर्याप्त समय नहीं देने पर मुख्यमंत्री जयललिता की आलोचना की।