हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाला जीएसटी खत्म किया जा सकता है। असल में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की एक अहम बैठक हुई है जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई। उसी बैठक एक आम सहमति इस बात पर बनी कि लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले प्रीमियम को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जा सकता है। वही सीनियर सीटिजन्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से बाहर रखने की बात हो रही है।

बुजुर्गों को क्या फायदा मिलेगा?

चर्चा इस बात पर भी हुई है कि अन्य नागरिकों के लिए, 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा कवर पर छूट दी जा सकती है, वही पहले से लगने वाला 18 फीसदी जीएसटी लग सकता है। इस बारे में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि जीओएम का हर सदस्य चाहता था कि लोगों को राहत दी जाए। सीनियर सिटीजन्स पर खास फोकस किया गया। हम काउंसिल को इस बारे में रिपोर्ट देने वाले हैं। जीएसटी को 18 फीसदी से कम करने पर भी फोकस किया जा रहा है, वहीं इंश्योरेंस प्रीमियम की कुछ कैटेगरीज में छूट देने की भी तैयारी है। आखिरी फैसला तो जीएसटी काउंसिल को ही करना है।

क्या महंगा हो सकता है?

वैसे मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि महंगे जूतों पर ज्यादा जीएसटी लगाया जा सकता है। ऐसी खबर है कि 15 हजार से ज्यादा के जूते और 25 हजार से ज्यादा की घड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जा सकता है। अभी तक यह 18 फीसदी लग रहा था। माना जा रहा है कि इस बदलाव के बाद केंद्र को 22 हजार करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू मिल सकता है।

बड़ी बात यह है कि विपक्ष के कई नेता और सीएम ममता बनर्जी ने कई मौकों पर इस मुद्दे को उठाया था। हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी में कटौती करने की बात कही गई थी। अब सरकार भी उस दिशा में आगे बढ़ती हुई दिख रही है। लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।