दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमेठी में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ कथित आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने आज राहत दे दी।
न्यायमूर्ति महेंद्र दयाल की अदालत ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत गत शुक्रवार को दायर केजरीवाल की याचिका को निस्तारित करते हुए पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी जिले में भाजपा एवं कांग्रेस के खिलाफ कथित आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में ‘आप’ नेता के खिलाफ जारी जमानती वारंट पर तीन हफ्ते के लिये रोक लगा दी।
केजरीवाल ने याचिका दायर करके मामले की समूची कार्यवाही को चुनौती देते हुए मामले में दायर आरोपपत्र तथा वारंट को निरस्त किये जाने के आदेश देने का आग्रह किया था। अदालत ने केजरीवाल के वकील से दिल्ली के मुख्यमंत्री को मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश होने से छूट देने के सम्बन्ध में नयी याचिका दाखिल करने के निर्देश देते हुए सम्बन्धित निचली अदालत को मामले के त्वरित निस्तारण के आदेश भी दिए।
केजरीवाल के वकील महमूद आलम ने अदालत से कहा कि अमेठी में एक चुनावी सभा के दौरान ‘आप’ नेता द्वारा दिया गया भाषण ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के दायरे में आता है, लिहाजा इसमें कोई अपराध नहीं बनता, वहीं राज्य सरकार के वकील रिशाद मुर्तजा ने इस दलील का यह कहते हुए विरोध किया कि खुद को जाहिर करने की आजादी की अपनी सीमाएं हैं और केजरीवाल ने उस सीमा को लांघा है, लिहाजा यह मामला बनता है।