हाथरस हादसे पर भोले बाबा का पहला बयान आ गया है। उन्होंने कहा है कि असमाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई थी, वे पहले ही निकल चुके थे। उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना भी की है। समझने वाली बात यह है कि बयान खुद बाबा ने नहीं दिया है बल्कि उनके वकील द्वारा कहा गया है। ऐसी खबर है कि बाबा तो अभी भी अपने आश्रम में हैं और वहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है।
सीएम योगी ने क्या बताया?
जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि रिटायर्ड हाई कोर्ट के जज की निगरानी इस पूरे केस की जांच होगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने खुद कहा है कि साजिश वाले एंगल से भी इस घटना की जांच की जाएगी। बड़ी बात यह है कि खुद बाबा कह रहे हैं कि असमाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई, ऐसे में 121 लोगों की मौत का असल गुनहगार कौन है?
अभी के लिए हाथरस हादसे की जांच के केंद्र में इसके आयोजक हैं, उनसे ही पूछताछ की जा रही है। समझने का प्रयास है कि आखिर कैसे इतनी बड़ी तादाद में लोग वहां इकट्ठा हो गए, आखिर कैसे 80 हजार की मंजूरी के बाद 2 लाख के करीब लोग वहां पहुंच गए? अब इन सवालों के जवाब ही इस मृतकों के परिवार को न्याय दिलवा सकते हैं, बता सकते हैं कि आखिर कैसे इतना बड़ा हादसा हो गया।
पोस्टमार्टम में क्या पता चला?
वैसे जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ रही हैं, उनमें बताया गया है कि दम घुटने और सीने में चोट लगने की वजह से ज्यादातर लोगों की मौत हुई है। कई केस में तो खून जम गया था जिसने भी सांसों की डोर को थाम दिया। अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो चुकी है, अखिलेश यादव का कहना है कि यह सरकार और प्रशासन की विफलता है, वही कांग्रेस ने भी सीएम योगी पर ही सवाल दाग दिए हैं। दूसरी तरफ सीएम ने इस घटना पर होने वाली राजनीति को दुर्भाग्यपूर्ण माना है।
वैसे इस घटना के कारण माने जा रहे हैं। ऐसा कहा गया है कि बाबा के जाने के बाद उनके चरण की धूल को छूने के लिए लोगों में होड़ मच गई थी और उसी वजह से कई भक्त एक दूसरे के ऊपर गिर गए और मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
