हरियाणा के विवादित आईएएस अफसर अशोक खेमका फिर से चर्चा में हैं। लगातार तबादलों के बाद कांग्रेस की तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार पर ताबड़तोड़ हमले करने वाले खेमका अब बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने लग गए हैं। खेमका ने रविवार को ट्वीट किया कि फिर साजिशन कीचड़ उछाला जाने लगा। यह इम्तिहान भी स्वीकार। उन्होंने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां लिखते हुए कहा कि जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।

हालांकि, इस बार खेमका की नाराजगी का मसला तबादला नहीं बल्कि दो मैनेजरों की नियुक्तियां हैं। उनके खिलाफ एक और आईएएस संजीव वर्मा ने केस दर्ज कराया था। विवाद तब बढ़ा जब खेमका ने भी संजीव पर एफआईआर दर्ज करा दी। लेकिन सारे झमेले में सरकार की किरकिरी हो रही है।

मामले के मुताबिक हरियाणा वेअर हाउसिंग के एमडी संजीव वर्मा ने खेमका पर दो मैनेजरों की नियुक्ति में अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया है। आरोप है कि खेमका ने नियमों को ताक पर रखकर ये भर्तियां की थीं। वो 2010 में वेअर हाउसिंग के एमडी थे। उधर दो अफसरों की लड़ाई ने सरकार को पशोपेश में डाल दिया है। खेमका और संजीव वर्मा ने एक-दूसरे के खिलाफ पंचकूला में केस दर्ज करवाया हुआ है।

खट्टर सरकार कोशिश कर रही है कि दोनों अफसरों के बीच सुलह हो जाए। लेकिन बात बन नहीं पा रही है। दोनों की लड़ाई में सरकार भी दो धड़ों में बंटती दिख रही है। एक खेमा संजीव के साथ है तो गृह मंत्री अनिल विज खेमका का साथ दे रहे हैं। यहां तक कि वो खेमका के साथ केस दर्ज कराने के लिए खुद पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि चाहे सरकार कांग्रेस की हो या फिर बीजेपी की। खेमका हमेशा ही विवादों में रहे हैं।

अशोक खेमका 1991 बैच के आईएएस हैं। अक्टूबर 2021 में हुआ ट्रांसफर आईएएस अशोक खेमका का सिविल सेवा में 30 साल के करियर में 54वां ट्रांसफर था। भाजपा से पहले कांग्रेस की हुड्डा सरकार में भी खेमका का कई बार ट्रांसफर हुआ था। फिलहाल कयास लग रहे हैं कि अशोक खेमका को आम आदमी पार्टी हरियाणा की सियासत में लाना चाहती है।

हालांकि जब केंद्र में मोदी सरकार बनी तो खेमका को पीएमओ में ट्रांसफऱ करने की अटकलें लगी थीं। जानकारों का कहना है कि खेमका को खुद पीएम मोदी ने पीएमओ में बुलाया था। लेकिन उनकी ज्वाइनिंग से पहले ही तबादला रद्द हो गया।