हरियाणा की सियासत (Haryana Politics) में आज बड़ा बदलाव हुआ है। बीजेपी ने एक तरफ जेजेपी (BJP-JJP Alliance) से अपना गठबंधन तोड़ा तो वहीं मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) से इस्तीफा दिलाकर नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) को सीएम पद की शपथ दिलवा दी है। इस बड़े डेवेलपमेंट के बाद हरियाणा बीजेपी में आंतरिक तौर पर टकराव देखने को मिला है क्योंकि पार्टी के दिग्गज नेता और खट्टर सरकार में गृहमंत्री रहे अनिल विज (Anil Vij) नाराज हो गए हैं, उन्हें मनाने के प्रयास जारी हैं लेकिन वे अपने घर तक चले गए हैं।

दरअसल, अनिज विज को लेकर खबरें हैं कि जिस वक्त खट्टर के इस्तीफे के बाद हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में राज्य के नए सीएम के तौर पर नायब सिंह सैनी के नाम का ऐलान हुआ था, उसी वक्त अनिल विज नाराज हो गए थे। उन्हें उस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने मनाने के प्रयास किए थे लेकिन वे अब तक तो नहीं माने हैं।

हरियाणा में सैनी सरकार का शपथ ग्रहण हो गया है और सीएम सैनी के साथ 5 मंत्रियों ने भी शपथ ली हैं। शपथ से पहले खबरें ये भी थीं कि अनिल विज को सैनी सरकार में डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है। इसी के चलते राजभवन में उनके लिए कुर्सी भी रखी गई थी लेकिन जब बीजेपी को यह पता चल गया कि अनिल विज शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आएंगे, तो कोई भी डिप्टी सीएम नहीं घोषित हुआ और समारोह से उनकी कुर्सी भी हटा ली गई थी।

अंबाला चले गए अनिल विज

एक तरफ जहां राजभवन से नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उनके मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह की खबरें आईं तो दूसरी ओर कद्दावर बीजेपी नेता अनिल विज अपने विधानसभा क्षेत्र अंबाला चले गए। उनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आईं, जिसमें वे अपनी पोती के साथ घर पर खेलते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि अनिल विज को उम्मीद थी कि उन्हें सीएम प्रोजेक्ट किया जाएगा लेकिन सूत्र बताते हैं कि उन्हें पार्टी द्वारा डिप्टी सीएम का ही पद ऑफर किया गया था।

अनिल विज का लंबा है सियासी रसूख

अनिल विज के सियासी कद की बात करें तो वे उन 1990 में पहली बार उपचुनाव जीतकर हरियाणा विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद वे 1996 और 2000 में भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीतकर विधायक बने ते। 2005 में विज हार गए थे। 2009 से उन्होंने अंबाला कैंट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता था। 2014, 2019 में वे जीतक सीएम खट्टर की सरकार में नंर दो यानी गृहमंत्री बने थे। अनिल विज राज्य में बीजेपी के बड़े जाट चेहरे के तौर पर देखे जाते रहे हैं। हालांकि वे विवादित बयान भी देते रहे हैं, जिसके चलते पार्टी की कई बार राष्ट्रीय स्तर पर खूब फजीहत भी हुई है।

ऐसे में अब उनके सीएम बनने की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिरा है तो देखना दिलचस्प होगा कि अनिल विज अगला कदम क्या उठाते हैं।