हरियाणा के गुरुग्राम में इन दिनों पुलिस की टीम घर-घर जाकर लोगों से फोटो पहचान पत्र दिखाने को कह रही है। पुलिस इसे गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षा के लिहाज से ऐहतियातन जांच-पड़ताल बता रही है। हालांकि लोग इसे परेशान करने वाली बात बता रहे हैं। पुलिस का कहना है कि टीम इन स्थानों पर रह रहे अवैध लोगों का पता लगा रही है, लेकिन अब तक 1500 लोगों की जांच के बाद एक भी अवैध व्यक्ति नहीं मिला।

पुलिस मलिन बस्तियों और कॉलोनियों में कर रही पड़ताल : नागरिकता संशोधन कानून (CAA), नागरिकों के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) के विरोध-प्रदर्शन के बीच पुलिस वालों के इस तरह घर-घर पहुंचकर जांच करने से लोगों में घबराहट का माहौल है। पुलिस टीम मलिन बस्तियों और कॉलोनियों में जांच-पड़ताल कर रही है। इन स्थानों पर निर्माण कार्य में लगे श्रमिक, घरेलू नौकर, और शहरों में छोटे-मोटे काम करने वाले लोग रहते हैं।

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सुबह 4 से 8 बजे तक चल रहा अभियान : डीएलएफ 2 मलिन बस्ती में रहने वाली एक महिला घरों में काम करती थी। उसने बताया कि वह वापस पश्चिम बंगाल जा रही है। इसकी वजह से उसकी आमदनी का नुकसान होगा। लेकिन हम जांच में सहयोग नहीं करेंगे। बोलीं कि बाद में “लौट” सकते हैं। “कॉम्बिंग ऑपरेशन” ज्यादातर तिघरा, इस्लामपुर, समसपुर, घसोला, सरस्वती कुंज और आसपास के क्षेत्रों में सुबह 4 से 8 बजे के बीच चल रहा है।

पुलिस बोली- भोर में ज्यादातर लोग घरों में रहते हैं : डीसीपी (पूर्व) चंदर मोहन ने कहा, लोगों की पहचान के दस्तावेज भी दो बस्तियों में चेक किए जा रहे हैं, जिन्हें “बंगाली झुग्गी” के रूप में जाना जाता है। इनमें से एक दक्षिण शहर के डी-ब्लॉक के पीछे और दूसरा रूसेवुड सिटी के पास है। बताया कि “अभियान की शुरुआत सुबह-सुबह की जा रही है क्योंकि उस समय ज्यादातर लोग घर पर होते हैं।”