हरियाणा के कृषि मंत्री ने किसान आंदोलन के दौरान हुई 200 किसानों की मौत पर विवादित बयान दिया है। हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल ने कहा है कि अगर वे घर पर होते तो नहीं मरते क्या। इसके अलावा जे पी दलाल ने कहा कि आंदोलन के दौरान किसान हार्ट अटैक और बुखार जैसी बीमारियों की वजह से ही मरे हैं।
हरियाणा के भिवानी में एक कार्यक्रम के बाद जब पत्रकारों ने जे पी दलाल से किसानों की मौत के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ये घर में होते तो मरते, यहाँ नहीं मर रहे हैं क्या। आगे कृषि मंत्री ने कहा कि मेरी बात सुन लो लाख दो लाख में से दो सौ छह महीने में नहीं मरते क्या? ये किसान हार्ट अटैक, बुखार की वजह से मरे हैं। इसके अलावा कृषि मंत्री ने कहा कि औसत मृत्यु दर के हिसाब से ही ये किसान मरे हैं।
#WATCH Would not they’ve died if they were at home? Out of 1-2 lakh people, don’t 200 people die in 6 months? They’ve died with their own will. I express my sympathies towards them: Haryana Agri Min JP Dalal on the death of farmers during ongoing protest against farm laws (13.02) pic.twitter.com/qDswOWROac
— ANI (@ANI) February 14, 2021
साथ ही जब कृषि मंत्री से पूछा गया कि प्रधानमंत्री मोदी दस लोगों के मरने पर भी शोक जाहिर करते हैं लेकिन आंदोलन में मरे किसानों के लिए कुछ नहीं है, तो उन्होंने कहा कि ये हादसे से नहीं मरे हैं बल्कि अपनी स्वेच्छा से मरे हैं। इसके बाद कृषि मंत्री जे पी दलाल ने मुस्कुराते हुए कहा कि मरे हुए लोगों के प्रति मेरी “हार्दिक” संवेदनाएं हैं। साथ ही दलाल ने कहा कि इन भोले भाले किसानों को कुछ लोग बहकावे और ज़बरदस्ती ले गए हैं। लेकिन ये जल्दी ही शांत हो जायेंगे।
कृषि मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कृषि मंत्री का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि ये हैं हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल। दलाल साहब वो जो चले गए वो किसान भी किसी के लाल थे।
हालाँकि अपने बयान पर सफाई देते हुए जे पी दलाल ने कहा कि सोशल मीडिया पर मेरे कहे को तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। अगर मेरे बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं उनसे माफ़ी मांगता हूँ।