Haryana Assembly Election Results 2024: हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गोकुल सेतिया ने 7234 वोटों से जीत हासिल की है। इस सीट से पहले गोपाल कांडे आगे चल रहे थे लेकिन कुल 16 राउंड की काउंटिंग में गोकुल सेतिया ने 79020 वोट हासिल कर जीत दर्ज की है। गोपाल कांडे को कुल 71786 वोट मिले हैं।
बता दें कि, सिरसा राज्य का प्रमुख विधानसभा सीट है। सिरसा क्षेत्र की राजनीति परंपरागत रूप से जातिगत समीकरणों और कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था से प्रभावित रही है। इस क्षेत्र में मुख्य रूप से जाट और गैर-जाट समुदायों का प्रभाव है, जो चुनावी राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
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सिरसा विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास उतार-चढ़ाव भरा रहा है। यहां के मतदाता अक्सर उम्मीदवारों की छवि और उनके स्थानीय मुद्दों के समाधान पर जोर देते हैं। सिरसा विधानसभा क्षेत्र में कई प्रमुख पार्टियों ने अपनी पकड़ बनाने की कोशिश की है, जिनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और हाल के वर्षों में BJP प्रमुख हैं।
कांग्रेस पार्टी लंबे समय तक सिरसा में प्रभावशाली रही है। 1980 और 1990 के दशक में कांग्रेस ने यहां कई बार चुनाव जीते हैं। चौधरी देवीलाल की इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) भी सिरसा में एक महत्वपूर्ण शक्ति रही है। चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में INLD ने कई चुनावों में यहां सफलता पाई। हाल के वर्षों में बीजेपी ने सिरसा में अपने आधार को मजबूत किया है, खासकर 2014 के बाद। सिरसा में उम्मीदवारों को जातिगत समीकरणों और विकास के एजेंडे पर वोट मिल रहे हैं।
2019 में सिरसा विधानसभा क्षेत्र में कुल 207519 मतदाता थे। कुल वैध मतों की संख्या 141905 थी। इस सीट से हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा जीते और विधायक बने थे। उन्हें कुल 44,915 वोट मिले। निर्दलीय उम्मीदवार गोकुल सेतिया कुल 44,313 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वे 602 वोटों से हार गए।
2014 में सिरसा विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,85,358 मतदाता थे। कुल वैध मतों की संख्या 1,44,141 थी। इस सीट से इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार मक्खन लाल सिंगला जीते और विधायक बने। उन्हें कुल 46,573 वोट मिले। गोपाल कांडा कुल 43,635 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वे 2938 वोटों से हार गए। यह चुनाव कृषि संकट, बेरोजगारी और पानी की समस्या जैसे मुद्दों पर लड़ा गया था। सिरसा विधानसभा क्षेत्र मुख्य रूप से ग्रामीण और कृषि प्रधान क्षेत्र है, इसलिए यहां के प्रमुख मुद्दे अक्सर किसानों और बुनियादी सुविधाओं से जुड़े होते हैं।
सिरसा में सिंचाई की समस्याएं, विशेषकर जल वितरण और नहरों की स्थिति, हमेशा एक बड़ा चुनावी मुद्दा रही है। बेरोजगारी, विशेषकर युवाओं में, यहां एक प्रमुख समस्या है। ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर कम होने के कारण यह मुद्दा चुनावों में प्रभाव डालता है। बुनियादी सुविधाओं, जैसे बिजली और पानी की निरंतर आपूर्ति भी चुनावी चर्चाओं में होती है। फसलों की सही कीमत न मिलना, कर्जमाफी और फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन में दिक्कतें भी चुनावी मुद्दे बने रहते हैं।