पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पनिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब चर्चा उनके चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने पर है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने के सवाल पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया लेकिन एक मजबूत संभावना जताई और कहा कि ”मुझे लगता है कि यह तय हो गया है कि वह जुलाना से चुनाव लड़ेंगी। हालांकि आधिकारिक तौर पर यह तय नहीं हुआ है। आज कांग्रेस पार्टी उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर सकती है। दोनों पहलवान जाट समुदाय से हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस को उनके आने से हरियाणा में जाटों की बड़ी संख्या को प्रभावित करने का मौका मिलेगा।
दीपक बाबरिया से जब कांग्रेस सांसदों के चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने से जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी सांसद को विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई है।
विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया के आने से कांग्रेस को कितना फायदा?
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले यह तस्वीर साफ नजर आती है कि किसानों की नाराजगी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है। इन किसानों में बड़ी संख्या जाटों की है और यह समुदाय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ खड़ा है। ऐसे में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के आने से कांग्रेस का पक्ष और मजबूत हो जाता है। कांग्रेस विनेश फोगाट के ज़रिए हरियाणा प्रदेश में महिला मतदाताओं को साधने का प्रयास भी कर सकती है।
कांग्रेस विनेश फोगाट को जुलाना और बादली सीट में से किसी सीट पर उतार सकती है। दोनों ही सीटों पर जाटों की अच्छी खासी आबादी है। कांग्रेस के कुलदीप वत्स बादली से विधायक हैं। वहीं जुलाना से जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अमरजीत ढांडा विधायक हैं।
किसानों के प्रदर्शन और बीजेपी के खिलाफ गुस्से के दौरान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने खुद शंभू बॉर्डर पहुंच कर किसानों को समर्थन दिया था। ऐसे में जाट वोट लामबंद होने की संभावना बढ़ जाती है और इससे बीजेपी को खासा नुकसान हो सकता है।