हरियाणा में मिली अप्रत्याशित हार पर कांग्रेस में आत्ममंथन शुरू हो गया है। जिस राज्य में पहले से ही जीत की उम्मीद लगाई जा रही थी, वहां पर बीजेपी ने चारों खाने चित कर दिया। अब इस वजह से हरियाणा कांग्रेस नेताओं ने हार का कारण बताना शुरू कर दिया है। पार्टी ने जिस कमेटी का गठन किया है, उसने उन तमाम प्रत्याशियों से बात की है जिनकी अपनी सीटों पर हार हुई।

कांग्रेस हार के तीन कारण

इस फीडबैक मीटिंग में हार के तीन बड़े कारण सामने आए हैं- पहला रहा भूपिंदर हुड्डा का कई सीटों पर अपने ही प्रत्याशियों का समर्थन ना करना, दूसरा- बड़े नेताओं का समय रहते जमीन पर ना उतरना, तीसरा- राहुल-प्रियंका की रैली में ज्यादा समय खर्च होना। असल में कांग्रेस के अंदर अंदरूनी लड़ाई तो पहले से चल रही थी, हुड्डा और शेलजा कैंप सक्रिय थे, लेकिन चुनावी नतीजों के बाद स्थिति और ज्यादा खुलकर सामने आ गई।

बीजेपी का ध्रुवीकरण, कांग्रेस का बिगड़ा खेल

एक कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनावी हार को लेकर इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मैंने फोन पर कमेटी से बात की थी। मैंने उन्हें बताया कि दीपेंदर सिंह हुड्डा के कैंप ने खुलकर मेरे खिलाफ प्रचार किया था, वो नहीं चाहते थे कि चुनाव में मेरी जीत हो। मैंने तो कमेटी को यह भी बता दिया है कि बीजेपी को जाटों के खिलाफ हुए ध्रुवीकरण का पूरा फायदा हुआ। उन्होंने जाट को लेकर वो नेरेटिव सेट किया जो बाकी देश में मुस्लिमों के लिए किया जाता है। नेरेटिव सेट कर दिया कि कांग्रेस आई तो सबकुछ जाटों को दे दिया जाएगा।

कांग्रेस को ऐसे ही तेवर नहीं दिखा रहे ‘इंडिया वाले’

कांग्रेस प्रत्याशी ने इस बात पर भी जोर दिया कि जब राहुल गांधी प्रचार करने आए थे, भूपिंदर सिंह हुड्डा ने स्टेज से मेरे लिए प्रचार नहीं किया। जाटों में संदेश गया था कि हुड्डा जी मुझे सपोर्ट नहीं कर रहे। इस वजह से जाट का वोट मुझे नहीं मिला, दूसरी जातियां भी साथ नहीं आईं। दूसरे नेता ने तो सीधे-सीधे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का जिक्र कर अपनी हार का फीडबैक दिया।

राहुल-प्रियंका के प्रचार में ज्यादा वक्त गया

उन्होंने कहा कि हमे पहले बताया गया था कि राहुल जी और प्रियंका जी 46 सीटों को कवर करेंगे, लेकिन फिर सिर्फ 22 सीटों को कवर किया गया। इस वजह से हुआ यह कि मैं अपने खुद के प्रचार पर फोकस नहीं कर पाया, मैं तो पूरे समय राहुल गांधी जी के प्रचार में व्यस्त हा। अगर उनकी रैली में भीड़ का इंतजाम नहीं होता तो मुझे ही जिम्मेदार बता दिया जाता। इसके ऊपर जो विजय संकल्प यात्रा राहुल जी और प्रियंका जी ने निकाली, वो काफी लेट रही।

कांग्रेस के कुछ हारे हुए प्रत्याशियों ने स्थानीय यूनिट को भी जिम्मेदार बता दिया है। एक नेता ने साफ कहा है कि पीसीसी पूरे चुनाव के समय नदारद रही। ना उनसे फोन पर बात हो रही थी ना ही संपर्क साधा जा रहा था। जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा चुनाव में बीजेपी को 48 सीटें मिलीं और कांग्रेस को सिर्फ 37 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा।

Asad Rehman की रिपोर्ट