हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारियों में है। वहां जीतकर आए पार्टी के नेताओं में मंत्री पद के लिए दौड़ तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार, मंत्रिमंडल के गठन में जाति के समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा। भाजपा नेतृत्व इस दिशा में मंथन कर रहा है। पार्टी ने अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। यह तय माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सैनी होंगे। सूत्रों के अनुसार, पार्टी उप मुख्यमंत्री के दो पद सृजित कर जाति समीकरण का संतुलन साधना की योजना बना रही है।

सरकार गठन में बाकी मंत्रियों के नाम तय करने में भी जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा जाएगा। हरियाणा में अधिकतम 13 मंत्री बनाए जा सकता हैं। इस बार मुख्यमंत्री के अलावा सिर्फ दो मंत्री जीतकर आए हैं। ये हैं- महिपाल ढांडा और मूलचंद शर्मा। ऐसे में तय है कि मंत्रियों के चेहरे नए होंगे।

उप मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव के नाम आगे चल रहे हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद से ही राव समर्थक आरती को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश के जिस दक्षिणी हिस्से की सीट से वे चुनी गई हैं, वह हिस्सा भाजपा के लिए जीत तय कराने में अहम रहा। राव समर्थक कह रहे हैं 2014 से अब तक दक्षिण के साथ न्याय नहीं किया गया। अब पद मिलना चाहिए। राव इंद्रजीत सिंह के करीबी एक बीजेपी नेता ने कहा, ‘इस बार भाजपा ने सैनी को पहले से ही मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है। ऐसे में आरती राव को कम से कम उप मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। राव इंद्रजीत सिंह ने भाजपा को कम से कम 15 सीटें जिताई हैं।’

दलित चेहरे के तौर पंवार को मिल सकता है मौका

सूत्रों के अनुसार, अंबाला कैंट से जीते अनिल विज की वरिष्ठता को देखते हुए पार्टी उन्हें उप मुख्यमंत्री बना सकती है। चुनाव से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री के पद पर दावा ठोंका था। खुद को भाजपा के लिए मुख्यमंत्री बेहतर उम्मीदवार बताया था। नतीजों के बाद उन्होंने सुर नरम कर लिए थे। यह सातवीं बार है कि विज जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। सूत्रों ने कहा कि किसी दलित को भी उप मुख्यमंत्री का पद देने के बारे में सोचा जा सकता है। दलित नेताओं में जीतकर आए कृषन लाल पंवार, कृषन बेदी, कपूर सिंह (बवानी खेड़ा) को मंत्री पद की दौड़ में आगे बताया जा रहा है। राज्यसभा सांसद पंवार ने इसराना से चुनाव जीता है। बेदी नरवाना से जीतकर आए हैं।

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जीतने वाले छह जाट नेताओं में महिपाल ढांडा तीसरी बार विधायक बने हैं। वे पिछले मंत्रिमंडल में थे। उन्हें इस बार भी मंत्री पद दिया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री बंशीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी के अलावा कृष्णा गहलावत को भी इस दौड़ में शामिल बताया जा रहा है। रोर समुदाय से आने वाले हरविंदर कल्याण को मंत्री बनाया जा सकता है। पिछड़े वर्ग से आने वाले रणबीर गंगवा ने बरनाला से जीत हासिल की है। वे दौड़ में आगे हैं।

ब्राह्मण नेता के तौर पर इन पर लगेगा दांव

ओबीसी के कम से कम 14 विधायक जीते हैं। सात ब्राह्मण विधायक बने हैं। इनमें अरविंद शर्मा और मूलचंद शर्मा को मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। ब्राह्मण मोहन लाल बादोली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हैं। पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, घनश्याम सर्राफ, निखिल मदान और सावित्री जिंदल को मंत्री बनाए जाने की संभावना है।