Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। यहां मुकाबला एक बार फिर से कांग्रेस और भाजपा के बीच है। ऐसे में अगर हम समालखा विधानसभा सीट की बात करें तो कांग्रेस ने एक बार फिर से धर्मवीर सिंह छोकर को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी ने इस सीट से मनमोहन भड़ाना पर दांव खेला है। वहीं आम आदमी पार्टी ने बिट्टू पहलवान पर अपना भरोसा जताया है।

2019 विधानसभा चुनाव परिणाम

साल 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव की बात करें तो समालखा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी धर्म सिंह छोकर ने जीत दर्ज की थी। छोकर ने बीजेपी प्रत्याशी शशिकांत कौशिक को हराया था। छोकर का जहां 81,898 वोट मिले तो वहीं बीजेपी के कौशिक को 66,956 वोट मिले थे। जबकि जेजेपी के ब्रह्मपाल रावल को 4,114 वोटों पर हीं संतोष करना पड़ा था।

2014 विधानसभा चुनाव परिणाम

साल 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव की बात करें तो समालखा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंदर मच्छरौली ने जीत दर्ज की थी। मच्छरौली ने कांग्रेस प्रत्याशी धर्म सिंह छोकर हराया था। मच्छरौली को जहां 53,294 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के धर्म सिंह छोकर को 32,921 मत प्राप्त हुए थे। जबकि तीसरे नंबर पर शशिकांत कौशिक रहे थे। कौशिक को 32,134 वोट मिले थे।

समालखा पानीपत जिले का एक शहर और उप जिला है। जिसकी अपनी तहसील है। साथ ही यह हरियाणा के 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह पानीपत जिले का हिस्सा है। यह जीटी रोड पर, जिला मुख्यालय पानीपत से 19 किमी दक्षिण में और देश की राजधानी दिल्ली से 72 किलोमीटर दूर स्थित है। यह गुरुग्राम और फरीदाबाद में सोहना के बाद हरियाणा का एक राजनीति का केंद्र है।

यहां के उद्योगों में कच्चा लोहा, नट और बोल्ट, लोहे की छड़ मशीन टूल्स और बाथरूम फिटिंग निर्माण शामिल हैं। समालखा ब्लॉक में लगभग 82 गांव और 17 वार्ड हैं। मुख्य गांव बापोली, सनौली, चुलकाना, पट्टी कल्याणा, जौरासी, किवाना, मनाना और नारायणा हैं।

2011 में कितनी थी समालखा की आबादी?

2011 की जनगणना के अनुसार, समालखा की जनसंख्या 39,710 थी। पुरुषों की संख्या 21,379 और महिलाओं की संख्या 18,331 है। समालखा की औसत साक्षरता दर 78% है, जिसमें पुरुष साक्षरता 78% है, और महिला साक्षरता 69% है। समालखा शहर में मुख्य रूप से वैश्य, पंजाबी और स्थानीय जाट रहते हैं। 2019 तक इस क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 1,57,076 थी।