देश भर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी के साथ फैल रही है। लेकिन केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब भी जारी है। इस आंदोलन से हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला चिंतित हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।
चौटाला ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में आंदोलनकारी किसानों से दोबारा बातचीत शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए 3-4 वरिष्ठ मंत्रियों की समिति बनाई जाए जो किसान नेताओं से दोबारा बातचीत शुरू करे। दुष्यंत का मानना है कि किसान आंदोलन का लंबा चलना चिंता का विषय है। दिल्ली सीमा पर बैठा किसान हमारा अन्नदाता है। बातचीत से हर समस्या का हल संभव है। किसानों की मांगों का सौहार्दपूर्ण समाधान होना चाहिए।
वहीं भारतीय किसान यूनियन (BKU)के नेता राकेश टिकैत ने कहा “अभी चुनाव हैं तो नेता आपके पास आ रहे हैं। इसके बाद सीधा 2024 में आएंगे। ऐसे में जो भी नेता आ रहा है उसे पकड़ लो और उससे पूछो एमएसपी कब मिलेगा।”
टिकैत ने कहा कि बीजेपी पूरे देश में हिंसा करती है, यह उनका काम है। किसान नेता ने कहा “वो देश को बांटते हैं, वे विकास के नाम पर थोड़ी आते हैं, वे आप लोगों को बाँटते हैं।” राकेश टिकैत ने साफ शब्दों में कहा कि किसान अपनी मांग पूरी हुए बगैर किसी कीमत पर दिल्ली कि सीमाओं से नहीं हटेंगे।
किसान नेता ने कहा कि यह हमारा गांव है, कोई भी सरकार गांव के लोगों को भगा नहीं सकती है। हम यही रहेंगे। एक किसान नेता ने तो यहां तक कह दिया कि यदि सरकार आंदोलन खत्म कराने की कोई साजिश रचती है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। किसान नेता ने कहा कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए आंदोलन को जारी रखा जाएगा।