हरियाणा के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से यह साफ है कि लड़ाई टक्कर की है और कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही सियासी पार्टियां किसी तरह का मौका नहीं गंवाना चाहती। लेकिन टिकट की चाह रखने वाले उम्मीदवारों का एक आंकड़ा कांग्रेस को हरियाणा में मजबूती स्थिति में दिखा रहा है, लेकिन यही आंकड़ा पार्टी के लिए मुसीबत भी बन सकता है। बातें दोनों हैं, ऐसे में कांग्रेस सूत्रों ने बताया है कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को 90 विधानसभा सीटों के लिए 10 अगस्त तक 2,556 उम्मीदवारों के आवेदन मिले हैं। यानी ढाई हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिन्हें कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना है।
उदाहरण से समझिए कि यह आंकड़ा क्यों काफी महत्वपूर्ण है
कुरुक्षेत्र जिले के शाहबाद विधानसभा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के मौजूदा विधायक राम करण काला खुद कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। जबकि भिवानी-महेंद्रगढ़ से तीन बार के भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह के भाई राजबीर सिंह लाला भी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर भिवानी जिले की तोशाम सीट से चुनाव लड़ने के मूड में बताए जा रहे हैं। यह बात उन्होंने आगे तक भी पहुंचा दी है।
टिकट के लिए दावेदारों की बढ़ती संख्या को लेकर कांग्रेस जमीनी स्तर पर मौजूदा स्थिति पर फीडबैक लेने के लिए सर्वे कराना चाहती है। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि ‘टिकट के लिए दावेदारों की बढ़ती संख्या से पता चलता है कि हरियाणा में कांग्रेस की लहर है। लोगों ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने का मन बना लिया है।’
वहीं सूबे के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भाजपा की कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भर दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार लोगों के जीवन को सरल बनाने के लिए नए-नए फैसले ले रही है। पिछले 10 सालों में हमारी डबल इंजन वाली सरकार ने न केवल भारत को बदला है, बल्कि हरियाणा को भी बदलने का काम किया है।”
दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के मुद्दे को उजागर कर रही है बीजेपी
भाजपा विपक्ष के भीतर चल रही अंदरूनी कलह को भी उजागर करने के प्रयास में है। अटकलें हैं कि कांग्रेस नेताओं दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। हालांकि दोनों ही नेता इसे नकारते रहे हैं। हरियाणा के चुनाव का ऐलान भी हो चुका है। मतदान 25 सितंबर को होने वाला है, वहीं नतीजे 4 अक्तूबर को सामने आएंगे।