महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए स्थिति अनुकूल नहीं चल रही है, जब से सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे ने इस्तीफे की पेशकश की है, चर्चा तेज है कि शिवसेना और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। अब उन अटकलों के बीच हरियाणा से भी बीजेपी के लिए अच्छे संकेत नहीं आ रहे हैं। यहां पर दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के साथ भी तकरार की खबरें आने लगी हैं। जब से हरियाणा के बीजेपी प्रभारी बिप्लव देव ने दुष्यंत चौटाला पर हमला किया है, कहा जा रहा है कि चुनावी मौसम में कोई बड़ा सियासी उलटफेर हो सकता है।
हरियाणा में विवाद क्या चल रहा है?
अब ये हरियाणा में इस समय जो भी कुछ चल रहा है, उसकी असल कहानी ऊचाना विधानसभा सीट से शुरू होती है जहां से अभी दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। हाल ही में बिप्लव देव हरियाणा के दौरे पर आए थे, कहकर चले गए कि 2024 विधानसभा चुनाव में इस सीट से प्रेमलता जी को जिताना है। अब विवाद ये है कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रेमलता बीजेपी की उम्मीदवार थीं, लेकिन चौटाला ने ऊचाना सीट से बड़ी जीत दर्ज की।
इस बार बीजेपी इसी सीट पर अपने उम्मीदवार को उतारना चाहती है, ऐसे में दुष्यंत चौटाला को मिर्ची लगना लाजिमी है। उन्होंने एक बयान में कह दिया है कि अगर किसी को पेट में दर्द हो रहा है तो वे क्या करें, वो कोई डॉक्टर नहीं। इसी बयान पर बिप्लव देव ने कह दिया कि जेजेपी ने गठबंधन कर कोई अहसान नहीं किया। उन्हें बदले में कई अहम मंत्रालय दिए गए हैं।
सीएम खट्टर ने क्या बताया?
अब इस बयानबाजी की वजह से कहा जा रहा है कि जेजेपी और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं। ये सवाल जब सीएम मनोहर लाल खट्टर से पूछा गया तो उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी के हित में क्या है, ये फैसला प्रभावी द्वारा लिया जाएगा। अभी के लिए बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन जारी है। हमने ये गठबंधन चुनाव के बाद किया था। जनता का हित सोचते हुए तब फैसला लिया गया। उस समय जेजेपी के साथ कई निर्दलीयों ने भी समर्थन दिया। कांग्रेस के पास तो सिर्फ 30 विधायक थे, हमारे पास तो कई का समर्थन था।
दुष्यंत को क्यों याद आए शाह?
इस बयानबाजी पर दुष्यंत चौटाला ने भी बीजेपी को गठबंधन के वक्त का समय याद दिला दिया है। बताया गया है कि गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में ही गठबंधन किया गया था। स्थिर सरकार देने के लिए साथ आने का फैसला हुआ था। लेकिन अगर कल मन बदल जाए, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। लोकसभा चुनाव को लेकर दुष्यंत ने कहा है कि एक जुलाई से पूरे राज्य में प्रचार शुरू कर दिया जाएगा।