Haryana Assembly Polls: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने 90 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जिनमें दो उम्मीदवार मुस्लिम समुदाय से हैं। जिनका नाम नसीम अहमद और मोहम्मद ऐजाज खान हैं। चुनाव 5 अक्टूबर को होगा।

भाजपा ने जिन दो मुस्लिम को मैदान में उतारा है। उनमें फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद और पुन्हाना से मोहम्मद ऐजाज खान हैं। मंगलवार को जारी की गई पार्टी की 21 उम्मीदवारों की दूसरी सूची में इनके नाम भी शामिल हैं। ये दोनों विधानसभा क्षेत्र दक्षिण हरियाणा के मेवात क्षेत्र में मुस्लिम बहुल नूंह जिले में स्थित हैं।

बीजेपी ने 2019 और 2014 के राज्य विधानसभा चुनावों में भी दो मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। 2019 में नसीम (फिरोजपुर झिरका) और जाकिर हुसैन (नूंह) और 2014 में आलम (फिरोजपुर झिरका) और इकबाल (पुन्हाना)। लेकिन वे चुनाव हार गए और पार्टी नूंह बेल्ट में पैठ बनाने में विफल रही।

कौन हैं नसीम अहमद?

44 वर्षीय नसीम अहमद फिरोजपुर झिरका से दो बार विधायक रहे। उन्होंने 2009 और 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के उम्मीदवार के रूप में इस निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। 2014 के चुनावों में नसीम ने तत्कालीन निर्दलीय उम्मीदवार मम्मन खान को 3,245 मतों से हराकर यह सीट जीती थी। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले नसीम इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मम्मन खान से 37,004 वोटों से हार गए। नसीम वर्तमान में राज्य भाजपा सचिव भी हैं। यहां यह बात भी बताना जरूरी है कि भाजपा फिरोजपुर झिरका सीट कभी नहीं जीत सकी है।

कौन हैं मोहम्मद ऐज़ाज़ खान?

आगरा विश्वविद्यालय से विधि स्नातक 56 वर्षीय मोहम्मद ऐजाज़ खान भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं। वे पूर्व मंत्री चौधरी सरदार खान के पुत्र हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में आए ऐजाज ने पुन्हाना से टिकट की उम्मीद जताई थी, लेकिन पार्टी ने नौक्षम चौधरी को उम्मीदवार बनाया। नौक्षम तीसरे स्थान पर रहीं, जबकि कांग्रेस के मोहम्मद इलियास ने यह सीट जीती।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए ऐजाज ने कहा, ‘2019 में मुझे कांग्रेस का टिकट मिला था। लेकिन इस सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद भी भूपेंद्र हुड्डा ने मेरा टिकट रद्द करवा दिया और मोहम्मद इलियास को मैदान में उतार दिया। इस तरह मुझे ठगा हुआ महसूस हुआ और मैंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली।’

मेवात क्षेत्र के प्रमुख सार्वजनिक मुद्दों पर ऐजाज़ ने कहा, ‘बेशक, बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के उत्थान के लिए काम करूंगा।’ जब उनसे पूछा गया कि भाजपा ने चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारे हैं? इस सवाल के जवाब में ऐजाज कहते हैं कि मेवात में ऐसा नहीं है। यहां भाईचारा कायम है। मैंने अभी-अभी अपना नामांकन दाखिल किया है और अलग-अलग धर्मों के युवाओं से भरी मोटरसाइकिलों और कारों का एक बड़ा काफिला मेरा समर्थन कर रहा है।

हम सब एक थाली में खाते हैं- ऐजाज

ऐजाज कहते हैं कि यह सिर्फ़ मीडिया की बनाई हुई बात है कि भाजपा विभाजनकारी राजनीति कर रही है। मैं नहीं कह सकता कि ऐसा दूसरे इलाकों में होता है या नहीं, लेकिन यहां मेवात में ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है। हम सब एक ही थाली में खाते हैं और एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। हम अपने धार्मिक कार्यक्रम मिलजुलकर मनाते हैं। यहां मेवात में कोई विभाजन नहीं है। ऐजाज ने दक्षिणी हरियाणा में व्याप्त गौरक्षकों की हिंसा को भी अधिक तवज्जो नहीं दी और दावा किया कि हम मेवात में हर किसी के धर्म और व्यक्तिगत स्थान का सम्मान करते हैं। बता दें, भाजपा ने पुनहाना सीट भी कभी नहीं जीती है। वहीं कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायकों मम्मन और इलियास को क्रमश: फिरोजपुर झिरका और पुनाहाना से मैदान में उतारा है।