यूपी के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी का निधन हो गया है। गोरखपुर की सियासत पर पकड़ रखने वाले हरिशंकर तिवारी ने कई सालों तक राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। उनके निधन से समर्थकों में शोक की लहर है। हरिशंकर तिवारी की पहचान यूपी के कद्दावर नेताओं में की जाती है और उनका सियासी रिश्ता चिल्लूपार विधानसभा सीट से रहा है। इस इसी सीट वे 1985 से 2007 तक लगातार विधायक रहे। तीन बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले हरिशंकर तिवारी को यूपी सरकार में मंत्री बनने का मौका भी मिला था।
कौन थे हरिशंकर तिवारी?
हरिशंकर तिवारी ने यूपी की राजनीति में अपनी ऐसी पहचान बनाई थी कि उन्होंने कई सरकारों में मंत्री बनने का मौका पाया। वे अपने सियासी करियर में कुल पांच बार कैबिनेट मंत्री बने। पूर्वांचल के ब्रह्माणों के बीच उनकी अच्छि उपस्थिति ने उन्हें जातीय समीकरण के लिहाज से सभी पार्टियों के लिए जरूरी बना दिया था।
हरिशंकर के निधन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा कि पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी जी का निधन, अत्यंत दुखद! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिवार को यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करे. भावभीनी श्रद्धांजलि। इसी तरह कई दूसरे नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है।
उनको लेकर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रमेश कुमार मिश्र ने भी दुख जताया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के एक सदस्य के रूप में हरिशंकर तिवारी ने विकास के लिए कई काम किए थे।