असम पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया इंडिया के चीफ हारिस फारूकी और उसके सहयोगी को असम के धुबरी से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि उन्हें बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने के बाद गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों को गुवाहाटी स्थित असम स्पेशल टास्क फोर्स के दफ्तर लाया गया है। वहां उनकी पहचान की पुष्टि की गई है।

असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार आईएसआईएस नेता हारिस फारूकी देहरादून, उत्तराखंड का रहने वाला है। इसी तरह उसका साथी अनुराग सिंह उर्फ रेहान पानीपत का रहने वाला है। उसकी पत्नी बांग्लादेश से हैं। हालांकि, उसका जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था, लेकिन बाद में उसने इस्लाम धर्म अपना लिया। ये दोनों भारत में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने और उसके लिए धन जुटाने की कोशिश में शामिल थे।

दोनों पर कई मामले लंबित

अधिकारी ने कहा कि इन दोनों ने आईएसआईएस के उद्देश्यों को आगे बढ़ाया है। उनके खिलाफ एनआईए, दिल्ली पुलिस, एटीएस और लखनऊ पुलिस द्वारा पहले से ही कई मामले लंबित हैं। ये दोनों वांछित अपराधी थे। इसी मामले में उन्हें असम में पकड़ा गया है। जिस स्थान से उन्हें पकड़ा गया वह अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ था, तो क्या वे पड़ोसी देशों के आतंकवादी संगठनों के संपर्क में थे? इसकी भी जांच की जा रही है।

साथ ही, उन्होंने कहा कि इन दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए आरोपियों को एनआईए के हवाले कर दिया जाएगा। चुनाव से 30 दिन पहले आईएसआईएस के भारतीय प्रमुख और उसके सहयोगी के फंसने से बहस छिड़ गई है। वहीं, कई लोग किसी बड़ी घटना होने से पहले इन्हें गिरफ्तार करने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स की तारीफ भी कर रहे हैं।

कैसे बना इस्लामिक स्टेट

बता दें कि ऐसा माना जाता है कि सीरिया और इराक की अस्थिर सरकारों की वजह से इस्लामिक स्टेट अस्तित्व में आया है। यह एक सुन्नी आतंकवादी संगठन है। आईएसआईएस खुद को इस्लाम का प्रचारक कहता है। इस संगठन ने अपने मुखिया को दुनिया के सभी मुस्लमानों का खलीफा घोषित किया है। यह आतंकी संगठन ऐसी जगह बनाना चाहता है जहां पर उसके अनुसार इस्लाम के शरिया कानून लागू हों। इसका मकसद दुनिया के मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों को अपने कब्जे में लेने का है।