हरिद्वार में ‘धर्म संसद’ का आयोजन करने वाले महंत अब गंगा किनारे धरने पर बैठ गए हैं। इस मामले में गिरफ्तार हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी की रिहाई के लिए वह प्रदर्शन कर रहे हैं। गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने गुरुवार को हर की पौड़ी के सर्वानंद घाट पर टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया। उनके साथ कई समर्थक भी मौजूद हैं।
बता दें कि नरसिंहानंद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महात्मा गांधी को भी बुरा-भला कहा गया और नाथूराम गोडसे की तारीफों के पुल बांधे गए। इसके अलावा इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ और हिंसक भाषण दिए गए थे। गुरुवार शाम पुलिस ने वसीम रिजवी को गिरफ्तार कर लिया। वह उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। 6 दिसंबर को उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया था और अपना नाम बदलकर जितेंद्र नारायण त्यागी कर लिया था।
17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वारा में आयोजित धर्म संसद में हेट स्पीच देने के मामले में रिजवी भी आऱोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करके कहा था कि सरकारें इस तरह के नरसंहार की वकालत करने वाले कार्यक्रमों को रोकने में नाकाम रही हैं।
हरिद्वार में धरना दे रहे नरसिंहानंद ने कहा, ‘जब त्यागी को गिरफ्तार किया गया तो वह मेरे ही साथ थे। मैंने पुलिस से कहा कि मुझे भी गिरफ्तार कर लो, मैं भी सह आरोपी हूं लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी। अब मैं सत्याग्रह कर रहा हूं औऱ जब तक त्यागी को रिहा नहीं किया जाता, मैं अन्न जल नहीं ग्रहण करूंगा।’
बता दें कि जब त्यागी की पुलिस गिरफ्तार कर रही थी तब का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें नरसिंहानंद कह रहे थे, ‘तुम सब मारे जाओगे, तुम्हारे बच्चे भी मारे जाएंगे।’ त्यागी की गिरफ्तारी पर हरिद्वार सिटी एसपी स्वतंत्र कुमार ने कहा, ’12 नवंबर को प्रेस क्लब में एक किताब के विमोचन के दौरान उन्होंने विवादित टिप्पणी की थी। उनके खिलाफ 153A के तहत केस दर्ज किया गया था। इसके बाद धर्म संसद में विवादित भाषण देने के मामले में फिर से 153A और 295 के तहत मामला दर्ज किया गया।’
हरिद्वार के सीनियर सुपरिंटेंडेंट योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जितेंद्र त्यागी को कोर्ट से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। कुछ लोगों को समन भेजा गया है औऱ आने वाले दिनों में कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।