कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को 2015 के राजद्रोह के एक मामले में निचली अदालत में पेश नहीं होने के कारण शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद जिले के वीरमगाम तालुका से गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ वारंट जारी होने के कुछ घंटों बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजदीप सिंह जाला (अपराध शाखा) ने पटेल की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार: गौैरतलब है कि डीसीपी जाला ने बताया कि, ‘‘हमने हार्दिक पटेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्हें वीरमगाम के पास से गिरफ्तार किया है। हम उन्हें कल अदालत के समक्ष पेश करेंगे।’’ अहमदाबाद में 25 अगस्त 2015 को पटेल समुदाय की एक रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थानीय अपराध शाखा ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर पटेल को पहले भी गिरफ्तार किया था। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बी जे गणात्रा की अदालत ने हार्दिक के खिलाफ वारंट जारी करने के बाद मामले की सुनवाई की अगली तिथि 24 जनवरी तय कर दी।
पहले भी हो चुके है गिरफ्तार: बता दें कि अहमदाबाद में पाटीदार आरक्षण को लेकर एक रैली आयोजित की गई थी। इस दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थानीय अपराध शाखा द्वारा दायर राजद्रोह के मामले में पटेल को पहले भी गिरफ्तार किया गया था। कांग्रेस नेता को जुलाई 2016 में जमानत दी गई थी, और अदालत ने नवंबर 2018 में उन्हें और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
दर्जनभर लोग मारे गए थे: गौरतलब है कि पाटीदार आरक्षण रैली के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति में आग लगा दी गई थी, साथ ही एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गए थे। पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का आरोप लगाया था।

