हल्द्वानी हिंसा का मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए हल्द्वानी सिविल कोर्ट ने नामजद मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे सहित नौ उपद्रवियों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी नौ आरोपियों पर सीआरपीसी की धारा 82, 83 के तहत करवाई की अनुमति दे दी है।

हालांकि पुलिस को शक है कि इस हिंसा में राजनीतिक नेताओं का भी हाथ हो सकता है। शुरुआती जांच में पुलिस के सामने कई ऐसी बातें सामने आई हैं जिससे नेताओं पर शक जा रहा है। हल्द्वानी के पांच नेताओं को पुलिस तलाश कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, अभी सभी के फोन बंद आ रहे हैं। फिलहाल पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।

पुलिस की रडार पर हैं पांच नेता

दरअसल, जांच में पुलिस के हाथ कुछ ऐसे तथ्य हाथ लगे हैं जिससे राजनीतिक दलों से जुड़े पांच नेता रडार पर हैं। पुलिसके अनुसार, इस हिंसी में राजनीतिक दखल भी हो सकता है। पुलिस को इससे संबंधित कुछ सबूत हाथ लगे हैं। ये राजनेता अलग-अलग दलों से जुड़े हुए हैं। पुलिस उनके खिलाफ सबूत जमा कर रही है। इस मामले में खुद एसएसपी जांच कर रहे हैं।

असल में वनभूलपुरा में अतिक्रमण का गिराने के बाद से हिंसा फैल गई थी। पुलिस को शुरुआत से यह बात खटक रही थी कि सिर्फ एक शख्स के भड़काने पर हिंसा ने इतना भयानक रूप कैसे ले लिया। पुलिस को इस बात पर शक था कि इसमें सिर्फ किसी एक शख्स का हाथ है। अभी तक हिंसा का मुख्य कारण अब्दुल मलिक सहित फरार चल रहे कुछ लोगों का माना जा रहा था। बता दें कि हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई।

मामले में बुधवार को नया मोड़ तब आया जब पुलिस के सामने कुछ ऐसे तथ्य उजागर हुए जिससे साफ पता चलता है कि मामले में राजनीतिक दलों का हाथ है। पुलिस को ऐसे 5 राजनेताओं पर शक है। जिसकी जांच की जा रही है।

पुलिस का कहना है कि जो नेता मामले में कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर मदद की बात कर रहे थे वे अंदर ही अंदर लोगों का उपद्रव फैलाने के लिए उकसा रहे थे और उनके संपर्क में थे। अभी इन नेताओं के फोन बंद आ रहे हैं।