समाचार चैनल टाइम्स नाऊ ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह चुनाव लड़ने और राजनीति में आने की बात कर रहे हैं, इससे इतर जब उनसे सार्वजनिक तौर पर राजनीति में आने पर सवाल किया गया था तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज करते हुए ऐसी बातों को बकवास करार दे दिया था। सियासत के सवाल पर कैमरे पर ‘न’ और कैमरे के पीछे ‘हां’ करते हुए गुरुनाम सिंह चढ़ूनी चर्चाओं के केंद्र में आ गए। चैनल ने इस वीडियो के आधार पर किसान नेताओं और राजनीतिक दलों के साथ डिबेट शो भी किया।
डिबेट शो ‘राष्ट्रवाद’ में इस विषय को लेकर किसान नेता कृष्ण वीर चौधरी और शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता चरणजीत सिंह बरार आमने-सामने हो गए। SAD ने चढ़ूनी के राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि अगर ये राजनीति में आते हैं तो हमें कोई ऐतराज नहीं है, चुनाव लड़ना उनका अधिकार है। उन्होंने कहा कि इसे किसान आंदोलन से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। क्योंकि आंदोलन तो कृषि कानून के खिलाफ है। वहीं किसान नेता कृष्णवीर ने कहा कि यह आंदोलन विपक्ष द्वारा पोषित है।
यहां उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता तो किसानों के खिलाफ सरकार के साथ थे, तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर मुंबई में मीटिंग में भी शामिल हुए थे। इसी बीच एंकर सुशांत सिन्हा ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आपकी नेता तो कैबिनेट में मंत्री थीं जब यह कानून लाया जा रहा था, जैसे ही SAD नेता इसका जवाब देना चाह रहे थे तो बीच में कतिना नेता कृष्णवीर कूद पड़े, उन्होंने कहा कि उस वक्त इनकी नेता, किसान कानून के फायदे गिनवा रही थीं।
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता चरणजीत सिंह बरार ने कहा कि हमारी मंत्री तब इस कानून की तारीफ कर रहीं थी जब PM हमसे झूठ बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री जब झूठ बोलकर भरोसा तोड़ दे तो क्या कर सकते हैं, उन्होंने कहा कि पीएम ने अकाली दल से वादा किया था कि कानून आने के बाद किसान जो बदलाव चाहेंगे वो किया जाएगा।
किसान नेता कृष्णवीर ने कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर इस कानून के फायदे गिना रहीं थी। उन्होंने कहा कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत भी जो मांगे कर रहे थे वो इन कानूनों में हैं, BKU ने भी इसका समर्थन किया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बाद में राजनीतिक दलों के बीच सेटिंग के बाद सबके रुख बदल गए। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन विरोधी दलों द्वारा प्रायोजित और पोषित है, उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर ये सब हो रहा है जोकि दुखद है। चौधरी के अनुसार, लोकतंत्र में सबके पास चुनाव लड़ने का अधिकार है।