मणिपुर के इंफल पश्चिम जिले में गुरुवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने एक विद्यालय के बाहर महिला की गोली मार कर हत्या कर दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह घटना लाम्फेल पुलिस थाने के अंतर्गत क्वकीथेल मायाई कोइबी में हुई।

अधिकारियों ने बताया कि महिला विद्यालय के पास किसी कार्य के लिए गई थी लेकिन विद्यालय से उसका कोई लेना-देना नहीं था। मणिपुर के कांगपोकपी जिले के एक गांव में गुरुवार को सुबह रुक-रुक कर गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं। स्वचालित हथियारों से कुछ लोगों ने गांववालों पर हमला किया लेकिन सुरक्षा बलों ने झड़प को टाल दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह घटना बुधवार दोपहर तीन बजकर करीब 40 मिनट पर फेलेंग गांव के पास हुई। सूत्रों ने बताया कि आसपास के इलाकों से सशस्त्र समूह क्षेत्र में एकत्र हो गए थे जिससे तनाव बढ़ गया था। उन्होंने कहा कि करीब 1,000 से 1,500 महिलाओं ने सड़कों को बाधित कर दिया था ताकि इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबल ना पहुंच पाएं। लेकिन इलाके में असम राइफल्स के जवानों की तैनाती से स्थिति नियंत्रण में आ गई।

चुराचांदपुर में बड़ी संख्या में कुकी समुदाय के लोगों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने सार्वजनिक मैदान से तुईबोंग शांति मैदान तक रैली निकाली। सूत्रों ने बताया कि रैली में करीब 4,000 लोग शामिल हुए और अधिकतर ने ‘योद्धा’ की पोशाक पहनी हुई थी। रैली बुधवार शाम सात बजे संपन्न हुई जिसमें किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली है।

संसदीय समिति की बैठक से विपक्ष का बहिर्गमन

नई दिल्ली, जनसत्‍ता : संसद की गृह संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष द्वारा मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग अस्वीकार किए जाने के बाद विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार को इसकी बैठक से ‘वाकआउट’ (बहिर्गमन) किया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि ‘कारागार स्थिति, अवसंरचना और सुधार’ के विषय पर आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना की राज्य सरकारों के विचार सुनने को लेकर बुलाई गई इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह एवं प्रदीप भट्टाचार्य ने समिति के अध्यक्ष बृजलाल को एक संयुक्त पत्र सौंपा।

पत्र में कहा गया कि सदस्य मणिपुर की स्थिति को नजरंदाज नहीं कर सकते हैं। इसमें कहा गया है कि यह नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है कि इस विषय पर पूरी तत्परता और गंभीरता के साथ चर्चा की जाए। सदस्यों ने समिति के अध्यक्ष को संबोधित कर कहा कि आप स्वयं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रहे हैं और आप राज्य में स्थिति की गंभीरता को समझ सकते हैं। मणिपुर को मरहम की जरूरत है, वहां हिंसा समाप्त होना चाहिए।
हम निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और हम आंखें नहीं मूंद सकते।