केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुजरात के सूरत में स्थित हजीरा लार्सन एंड टुब्रो आर्मर्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स में 51वीं के-9 वज्र-टी तोप को हरी झंडी दिखाई। एलएंडटी अधिकारियों ने मंत्री को के-9 वज्र-टी के अलग-अलग युद्धाभ्यास दिखाए, जो एक स्व-चालित हॉवित्जर है। रक्षा मंत्री सिंह तोप के ऊपर सवार भी हुए और इसे हजीरा परिसर के आसपास चलाया।

4500 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था:  बता दें कि इस तोप का वजन 50 टन है और यह 47 किलोग्राम के गोले 43 किलोमीटर तक दाग सकता है। यह जीरो रेडियस पर भी घूम सकता है। 2017 में एल एंड टी ने इसकी आपूर्ति करने के लिए सरकार से 4500 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था। जो केंद्र की ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारतीय सेना को देने का करार हुआ था।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फोटो सोर्स- ANI

रक्षा मंत्रालय द्वारा दिया गया सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट: के-9 वज्र कॉन्ट्रैक्ट के तहत 42 महीनों में 100 ऐसी तोपों की डिलीवरी शामिल है, साथ ही यह रक्षा मंत्रालय द्वारा दिया गया किसी निजी कंपनी का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट है। बता दें कि डिलीवरी के समय रक्षा मंत्री ने तोप की पूजा की फूल चढ़ाया और नारियल भी फोड़ा। साथ ही कुमकुम से ‘स्वास्तिक’ का निशान भी तोप पर बनाया। गौरतलब है कि एलएंडटी साउथ कोरिया की हान्वा टेकविन के साथ मिलकर गुजरात के हजीरा प्लांट में बना रही है।

 “नए भारत की नई सोच”:  सिंह ने अपने भाषण में कहा कि वह एल एंड टी के कर्मचारियों की प्रतिबद्धता और हार्डवर्क को सलाम करते है क्योंकि कंपनी का हजीरा कॉम्प्लेक्स “नए भारत की नई सोच” का एक संकेत है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस परिसर में एक नई और आश्चर्यजनक उपलब्धि हासिल हुई है भारत में ऐसे कई सेक्टर थे जहां निजी क्षेत्र की भागीदारी लगभग शून्य थी। रक्षा क्षेत्र उनमे से एक था।” ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत, सरकार ने कई कदम उठाए हैं जो भविष्य में देश को हथियारों का शुद्ध निर्यातक बना देगा।