गुजरात के वडोदरा में 200 से 300 सवर्णों की भीड़ ने कथित तौर पर एक दलित दंपति के घर पर हमला कर दिया। आरोप है कि पद्र तालुका क्षेत्र के महुवद गांव में रहने वाले पीड़ित शख्स ने फेसबुक पोस्ट के जरिए सरकार पर सवाल उठाए थे। सोशल मीडिया पर उसने लिखा था कि सरकार गांव के मंदिर में दलितों को शादी समारोह करने की इजाजत नहीं देती है, जबकि पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों और उस अज्ञात भीड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं, एफबी पोस्ट करने वाले शख्स पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य की भावना फैलाने का आरोप लगा है।

गुरुवार (23 मई, 2019) रात 46 वर्षीय दलित महिला तलुराबेन मकवाना ने वडु पुलिस को शिकायत दी थी कि सोमवार को उनके घर पर तकरीबन 200 से 300 लोगों की भीड़ ने हमला किया। आरोप है कि तब हमलावरों ने तब उनके घर पर पत्थरबाजी की थी और पति प्रवीण मकवाना को उनके फेसबुक पोस्ट के चलते धमकाया और पीटा था।

शिकायत में पीड़िता ने आगे कहा कि हमलावरों के पास तब डंडे, पाइप और बाकी हथियार थे। वे उनके घर के बाहर पहुंचते ही जोर-जोर से चिल्लाने और गालियां देने लगे थे। लोगों की आवाज सुनकर वह जब घर से बाहर निकलीं, तो उन्हें भीड़ में से किसी एक हमलावर ने थप्पड़ मार दिया था। वे इसके बाद घर में घुस आए थे और प्रवीण को घसीटते हुए पीटने लगे थे। यहां तक कि उन लोगों ने पति को धमकाया कि अगर वह एफबी पोस्ट डिलीट नहीं करेंगे, तो उन्हें भविष्य में उसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

पुलिस ने चैतन्य सिंह झाला, मयूर सिंह झाला, महेश जाधव, दिलीप सिंह राजपूत, संजय सिंह परमार, अर्जुन परमार, नरेश परमार, अरविंद परमार, दिलीप परमार, किशन परमार और अजय परमार समेत महुवद गांव के सभी निवासियों पर आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 452, 336, 323, 504, 506 (2) और एससी/एसटी प्रिवेन्शन ऑफ द एट्रोसिटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायत के बाद पुलिस ने गांव में 24 घंटों की गश्त के लिए एक टीम भी भेजी थी, पर अभी तक किसी की गिरफ्तार नहीं की जा सकी है।