MGNREGA Scam: गुजरात के कृषि एवं पंचायत राज्य मंत्री बच्चू खबाद के दूसरे बेटे किरण खबाद (39) को दाहोद में 75 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले के सिलसिले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया। खबाद के भतीजे दिलीप चौहान समेत तीन अन्य को भी गिरफ्तार किया गया। इस तरह अब तक कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
किरण के बड़े भाई बलवंत खबाद (43) को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। दोनों का संबंध उन फर्मों से है, जिन्होंने अनिवार्य बोली प्रक्रिया से गुजरे बिना देवगढ़बारिया और धनपुर तालुका में मनरेगा परियोजनाओं के लिए सामग्री की आपूर्ति की। पुलिस ने कहा कि इन फर्मों को कोई अनुबंध हासिल किए बिना भी धन प्राप्त हुआ।
किरण खबाद के साथ पुलिस ने तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। दाहोद के वर्तमान उप जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) रसिक राठवा, पूर्व सहायक कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) दिलीप चौहान और योजना में शामिल एक अन्य कर्मचारी प्रतीक बारिया। इस तरह अब तक इस मामले में गिरफ्तारियों की कुल संख्या 10 हो गई है।
किरण, जो पिछले सप्ताह अपने भाई के साथ संयुक्त रूप से दायर अग्रिम जमानत याचिका वापस लेने के बाद से फरार था। उसको सोमवार सुबह वडोदरा-हलोल राजमार्ग पर गिरफ्तार कर लिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए दाहोद के पुलिस उपाधीक्षक जगदीशसिंह भंडारी ने कहा कि हमने घोटाले में उनकी भूमिका के लिए किरण खबाद को गिरफ्तार किया है। उनके साथ, रसिक राठवा, जो उस समय धनपुर तालुका के तालुका विकास अधिकारी (टीडीओ) थे और वर्तमान में दाहोद जिले के डिप्टी डीडीओ हैं। उनको गिरफ्तार किया गया है। दो अन्य लोग दिलीप चौहान, मनरेगा के एपीओ और प्रतीक बारिया हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी जनवरी 2021 से दिसंबर 2024 के बीच अनियमितताओं में शामिल थे। प्राथमिक पूछताछ की जा चुकी है और उन्हें मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने की उम्मीद है।
किरण और बलवंतसिंह खबाड़ दोनों पर ऐसी एजेंसियों का संचालन करने का आरोप है, जो कथित तौर पर धनपुर और देवगढ़ बारिया तालुका के दूरदराज के गांवों में मनरेगा सड़क परियोजनाओं के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करती थीं।
अधिकारियों का आरोप है कि देवगढ़ बारिया में 28 अनधिकृत एजेंसियों को उचित निविदा प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए कुल 60.90 करोड़ रुपये के ठेके दिए गए। धनपुर में ऐसी सात एजेंसियों को कथित तौर पर 10.10 करोड़ रुपये मिले। कथित तौर पर खबाद बंधुओं द्वारा संचालित राज ट्रेडर्स और एनएल ट्रेडर्स की पहचान उनमें से की गई है।
जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण (डीआरडीए) के निदेशक बीएम पटेल की शिकायत के बाद 24 अप्रैल को दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि ऐसी फर्मों को ठेके दिए गए, जिन्होंने सामग्री की आपूर्ति के लिए लेने वाली बोलियां नहीं लगाई थीं और प्रक्रिया को बाधित करके और उन फर्मों के बिलों को उन परियोजनाओं के लिए भी मंजूरी दे दी गई जो केवल कागजों पर मौजूद थीं। देवगढ़ बारिया के कुवा गांव में स्थानीय निवासियों ने जिला अधिकारियों के ध्यान में अनियमितताओं को लाया।
शनिवार तक, मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था- बलवंतसिंह खाबड़,देवगढ़ बरिया के पूर्व टीडीओ दर्शन पटेल, मनरेगा लेखाकार जयवीर नागौरी और महिपालसिंह चौहान, ग्राम रोजगार सेवक कुलदीप बारिया एवं मंगलसिंह पटेलिया; एवं तकनीकी सहायक मनीष पटेल।
कांग्रेस पार्टी, जिसने इस मामले की जांच के लिए जनवरी में अपनी फैक्ट रिसर्च समिति गठित की थी। उसने मामले की आगे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की अपनी मांग दोहराई है।
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(इंडियन एक्सप्रेस के लिए अदिति राजा)