Praja Shakti Democratic Party Gujarat: राजनीति में एक ओर युवाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी होने की बात कही जा रही है तो दूसरी ओर कई ऐसे जुझारू नेता भी हैं, जो उम्र काफी ज्यादा होने के बाद भी सियासी मैदान छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात से आने वाले यह नेता 84 साल की उम्र में अपना नया राजनीतिक दल लांच करने का ऐलान कर चुके हैं।
यह नेता लंबे वक्त तक बीजेपी में रहे हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं। वह गुजरात में मुख्यमंत्री की कुर्सी भी संभाल चुके हैं और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। अब आपको इन नेता का नाम बताते हैं। इनका नाम शंकर सिंह वाघेला है।
वाघेला पिछले काफी वक्त से गुजरात की राजनीति में हाशिये पर थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अब इस बढ़ती उम्र में वाघेला नई शुरुआत करने जा रहे हैं।
1998 से गुजरात की सत्ता में है बीजेपी
वाघेला ऐसे वक्त में शुरुआत करने जा रहे हैं, जब गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा बाकी राजनीतिक दलों के लिए बहुत ज्यादा स्पेस नहीं बचा है। बीजेपी 1998 से लगातार गुजरात की सत्ता में है और पिछले विधानसभा चुनाव में तो उसने कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया था। 182 सीटों वाले गुजरात में बीजेपी ने 156 सीटों पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटें मिली थी। राज्य की 26 में से 25 लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं और इससे पता चलता है कि बीजेपी यहां बहुत मजबूत है।
पीएसडीपी है राजनीतिक दल का नाम
शंकर सिंह वाघेला ने ऐलान किया है कि वह प्रजा शक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी (पीएसडीपी) नाम से राजनीतिक दल लॉन्च करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया है कि वह गुजरात में बीजेपी की सरकार को गिरा देंगे। एक वक्त में गुजरात की राजनीति में ताकतवर रहे शंकर सिंह वाघेला पिछले कुछ सालों में लगातार पार्टी बदलते रहे हैं और अलग-अलग संगठन भी बना चुके हैं लेकिन इस सबके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी है।
पीएसडीपी को 2020 में ही चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड किया गया था और 2023 में राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे मान्यता भी दे दी थी लेकिन तब वाघेला ने इस पार्टी को लॉन्च करने की अपनी योजना को टाल दिया था। अब शंकर सिंह वाघेला अपनी नई पार्टी के साथ गुजरात में अगले साल होने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव के साथ-साथ 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहे हैं।
पीएसडीपी की ओर से राजघराने से ताल्लुक रखने वाले ऋद्धिराजसिंह परमार को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वाघेला ने कहा है कि उन्हें खुद मुख्यमंत्री बनने या कोई बड़ा पद संभालने की कोई इच्छा नहीं है। लोग उनसे उम्मीदें रखते थे इस वजह से उन्होंने इस राजनीतिक दल का गठन किया है।
पीएसडीपी ने घोषणा पत्र में किए बड़े वादे
पीएसडीपी ने अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी खत्म करने, नई आबकारी नीति लाने, स्वास्थ्य बीमा, स्नातकोत्तर स्तर तक मुफ्त शिक्षा, बेरोजगारी भत्ता और किसानों के लिए कर्ज माफी का वादा किया है।
थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश
वाघेला गुजरात में थर्ड फ्रंट बनाना चाहते हैं। वाघेला कहते हैं कि यह धारणा गलत है कि गुजरात में थर्ड फ्रंट काम नहीं करेगा। उदाहरण के लिए दिल्ली को देखें, जहां आम आदमी पार्टी जैसी छोटी पार्टी कांग्रेस को हराने में सफल रही, जो लगातार तीन बार सत्ता में रही थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी का दावा है कि केवल वह ही गुजरात में किसी गैर-कांग्रेसी, गैर-बीजेपी गठबंधन को आगे बढ़ा सकती है।
कैसा रहा वाघेला का राजनीतिक करियर?
आरएसएस से जुड़े वाघेला ने 1970 के दशक में जनता पार्टी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए। 1996 में पूर्व सीएम केशुभाई पटेल के साथ झगड़े के बाद वे 48 विधायकों के साथ बीजेपी से अलग हो गए और राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) बनाई। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से सीएम की कुर्सी संभाली।
1999 में उन्होंने आरजेपी का कांग्रेस में विलय कर दिया लेकिन उन्हें झटका तब लगा जब उनके कई भरोसेमंद विधायक बीजेपी में वापस चले गए। वाघेला को गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने वाघेला को मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मंत्री बनाया।
वाघेला 2017 तक कांग्रेस में रहे लेकिन राज्यसभा चुनाव के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी। इस चुनाव में उनके धुर विरोधी नेता अहमद पटेल मामूली अंतर से जीत गए थे। इसके बाद वाघेला ने नई पार्टी जन विकल्प मोर्चा (JVM) बनाई।
2019 में वाघेला अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए और इसके महासचिव बने लेकिन एक साल के भीतर ही उन्होंने पद छोड़ दिया। 2021 में उन्होंने कांग्रेस में फिर से शामिल होने की कोशिश की लेकिन कांग्रेस ने उन्हें अहमियत नहीं दी।
पिछले कुछ महीनों में वाघेला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी (एसपी) प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की थी लेकिन इन मुलाकातों का कोई नतीजा नहीं निकला।
