गुजरात हाईकोर्ट से बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान को बड़ी राहत मिली है। गुजरात हाईकोर्ट ने निचली अदालत के इस आदेश को खारिज कर दिया है कि जिसमें गैंगस्टर अब्दुल लतीफ के उत्तराधिकारियों को बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और हिंदी फिल्म रईस के निर्माताओं के खिलाफ 8 साल पुराने मानहानि के मुकदमे में वादी के रूप में शामिल करने की अनुमति दी गई थी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया है। बता दें कि जनवरी 2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘रईस’ का एक किरदार अब्दुल लतीफ पर आधारित बताया जाता है।
8 साल पहले दर्ज हुआ था मामला
2016 में लतीफ के बेटे मुस्ताक अब्दुल लतीफ शेख ने एक मामला दाखिल किया था। इसमें उन्होंने फिल्म को लेकर मुकदमा शुरू करने की तारीख से 18% ब्याज के साथ 101 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा था। इस मामले में आरोप लगाया गया कि फिल्म ने उनके पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल किया। फिल्म रिलीज होने के बाद 6 जुलाई, 2020 को मुस्ताक का निधन हो गया। उसकी मौत के बाद मुस्ताक की विधवा और दोनों बेटियों ने मानहानि मामले में वादी के रूप में शामिल होने के लिए आवेदन किया।
निचली अदालत ने दिया था फैसला
इस मामले में निचली अदालत ने आवेदन को मंजूरी दे दी थी। निचली अदालत के फैसले को शाहरुख खान और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट ने चुनौती दी। इस मामले में शाहरुख खान के अलावा उनकी पत्नी गौरी खान, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, एक्सेल एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, फरहान जावेद अख्तर और राहुल ढोलकिया ने कहा था कि शिकातयकर्ता की मौत हो चुकी है। ऐसे में मानहानि का मामला नहीं चलाया जा सकता है। हालांकि निचली अदालत ने उनकी मांग को ठुकरा दिया था।