गुजरात विधानसभा में सोमवार को सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच जमकर तीखी तकरार हुई। इस तकरार की वजह आगामी राज्यसभा चुनाव को देखते हुए पांच कांग्रेसी विधायकों का इस्तीफा था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पांच कांग्रेसी विधायकों को खरीदा है। जिस पर सीएम विजय रुपाणी के नेतृत्व में सत्ताधारी भाजपा ने तीखा विरोध जताया और कांग्रेस पर ही अपने नेताओं को एकजुट ना रख पाने का आरोप जड़ दिया।
खबर के अनुसार, विधानसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल के बाद इस्तीफा देने वाले पांच विधायकों के नामों- प्रवीण मारू, प्रद्युमन सिंह जडेजा, जेवी काकड़िया, सोमाभाई पटेल और मंगल गवित- की घोषणा की।
दोनों पक्षों के बीच तकरार तब शुरु हुई, जब प्रश्नकाल के दौरान पहला नाम इस्तीफा देने वाले विधायक प्रवीण मारू का ही लिस्टेड था। जैसे ही स्पीकर ने ‘पहला सवाल’ कहा, तभी कांग्रेस विधायक वीरजी थुम्मर ने तंज कसते हुए कहा कि ‘माल विचेई गयो’ (यह माल बिक गया है)।
इस पर राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने आपत्ति दर्ज करायी और कहा कि सदन के किसी सदस्य को ‘माल’ कहना सही नहीं है। इसके बाद सीएम विजय रुपाणी ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने सदस्यों को एकजुट नहीं रख पा रही है और बेवजह सत्ताधारी पार्टी पर आरोप लगा रही है।
गुजरात कांग्रेस चीफ और वरिष्ठ विधायक अमित चवड़ा ने एक स्थानीय अखबार का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने 4 कांग्रेस विधायकों को 65 करोड़ रुपए में खरीदा है। इस आरोप का भाजपा ने तीखा विरोध किया।
गुजरात भाजपा के चीफ और भावनगर से विधायक जीतू वाघानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं की अंदरुनी लड़ाई के चलते कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव के मतदान के दौरान कांग्रेस के अन्य विधायक भी क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं।

