जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) होता है। नरेंद्र मोदी सरकार जीएसटी को देश का सबसे बड़ा कर सुधार बता रही है। सरकार सभी तरह के अप्रत्यक्ष करों को खत्म करते हुए एक राष्ट्र एक कर की परिकल्पना पर इसे लागू करने जा रही है। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर एक जुलाई से यह देशभर में लागू हो रहा है। इसके लागू होते ही सर्विस टैक्स, सेल्स टैक्स, वैट, एक्साइज ड्यूटी जैसे अप्रत्यक्ष कर से मुक्ति मिल जाएगी और उनकी जगह जीएसटी लगेगा जो देशभर में एक जैसे सामान पर समान रूप से लागू होगा। इससे पहले एक ही सामान पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कर लगता था।

जीएसटी के लॉन्चिंग के मौके पर केंद्र सरकार ने आज (30 जून को) संसद के सेंट्रल हॉल में रात 10.45 बजे सले 12 बजे मध्य रात्रि तक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा तमाम केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ-साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनेंगे। सरकार ने अमिताभ बच्चन, लता मंगेशकर, रतन टाटा जैसी हस्तियों को भी कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है। हालांकि, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया है।

संविधान में 122वें संशोधन विधेयक के जरिए देश में लगने वाले सभी अप्रत्यक्ष करों की जगह एक जुलाई 2017 से केवल एक टैक्स “वस्तु एवं सेवा कर” लगाया जा रहा है। बता दें कि दुनिया के 150 से अधिक देशों में ऐसी ही कर व्यवस्था लागू है।

जीएसटी पर किस चीज पर लगेगी कितना टैक्स?- जीएसटी परिषद ने सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार टैक्स स्लैब (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) में विभाजित किया है। जीएसटी परिषद ने 12011 वस्तुओं को इन चार वर्गों में रखा है। आम जनता के लिए उपयोगी करीब 80 वस्तुओं पर शून्य टैक्स (कर मुक्त ) लगेगा। सिगरेट, शराब और पेट्रोलियम उत्पादों (पेट्रोल, डीजल, केरोसीन और एलपीजी) को अभी जीएसटी से बाहर रखा गया है।

इन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा- जूट, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, दूध, छाछ, दही, प्राकृतिक शहद, ताजा फल, सब्जियां, आटा, बेसन, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप पेपर, मुद्रित किताबें, अखबार, चूड़ियां, हैंडलूम, अनाज, काजल, बच्चों की ड्राइंग, कलर बुक इत्यादि। एक हजार रुपये से कम कीमत वाले होटल और लॉज इत्यादि।

जीएसटी काउंसिल ने सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार टैक्स स्लैब (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) में बांटा है। काउंसिल ने 12011 वस्तुओं को इन चार वर्गों में रखा है। सिगरेट, शराब, पेट्रोलियम उत्पादों के अलावा जूट, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, दूध, छाछ, दही, प्राकृतिक शहद, ताजा फल, सब्जियां, आटा, बेसन,मैदा, ब्रेड, कॉफी, गुड़, वेजिटेबल ऑयल, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, मुद्रित किताबें, अखबार, चूड़ियां, हैंडलूम, अनाज, काजल, बच्चों की ड्राइंग, कलर बुक, गर्भनिरोधकों, हैंडलूम प्रोडक्ट इत्यादि पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा। एक हजार रुपये से कम कीमत वाले होटल और लॉज, ज्यूडिशियल डॉक्यूमेंट्स, स्टांप पेपर को भी जीएसटी से बाहर रखा गया है।

जीएसटी भारत की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एकल बाजार में 2,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब लोगों को जोड़ेगी। जीएसटी काउंसिल ने सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार टैक्स स्लैब (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) में बांटा है। काउंसिल ने 12011 वस्तुओं को इन चार वर्गों में रखा है। इसके तहत 20 लाख तक का व्यापार करने वालों को जीएसटी से मुक्ति मिलेगी। साथ ही 75 लाख तक के व्यापारी को जीएसटी में राहत मिलेगी।

जानिए किन वस्तुओं और सेवाओं पर लगेगा कितना टैक्स, देखिए पूरी लिस्ट