खाद्य पदार्थों के महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 9वें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई सितंबर में 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह अगस्त में सात फीसद और सितंबर 2021 में 4.35 प्रतिशत थी। उधर, केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को रसोई गैस एलपीजी के घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान देगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अनुदान को मंजूरी दी है।
यह अनुदान इन कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस की रूप में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी को लागत से कम मूल्य पर बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाएगा। ठाकुर ने कहा कि पिछले दो साल से घरेलू रसोई गैस को लागत से कम मूल्य पर बेचा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बैठक में तीन पेट्रोलियम विपणन कंपनियों – इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को एकमुश्त अनुदान देने की मंजूरी दी। अनुदान जून, 2020 से जून, 2022 तक उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा।
खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति इस साल सितंबर में बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई
इस बीच खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति इस साल सितंबर में बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 7.62 फीसद थी। मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से अधिक रहने पर आरबीआई को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी। इस रिपोर्ट में आरबीआई को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा। केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के दायरे में बनी रहे।
कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि क्या पीएम को महंगाई की चिंता है
इससे पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में आयातित मुद्रास्फीति का दबाव अब कम हो गया है, लेकिन खाद्य और ऊर्जा वस्तुओं में यह दबाव अभी भी बना हुआ है। कांग्रेस ने खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी चिंता है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आज जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 5 महीनों में सबसे अधिक वृद्धि हुई। खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.6 प्रतिशत थी, पिछले महीने से एक प्रतिशत अधिक।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री को चिंता है?’’ रमेश ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वित्त मंत्री अच्छी तस्वीरों के लिए चेन्नई के बाज़ार में गईं, लेकिन महंगाई लगातार बढ़ रही है।’’