सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ योजना भर्ती को लेकर हो रहे प्रदर्शन के बीच अधिकारियों ने तीनों सेवाओं के लिए शुक्रवार को इस बात का ऐलान कर दिया है कि वो भर्ती प्रक्रिया के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भारतीय सेना ने कहा कि अगले दो दिनों में इसके लिए एक नोटीफिकेशन जारी की जाएगी, भारतीय वायु सेना ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी, वहीं भारतीय नौसेना ने भी कहा कि प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू की जाएगी। सरकार ने इस साल के लिए उम्मीदवारों को उम्र में छूट की घोषणा के एक दिन बाद ये घोषणाएं की। अब अग्निवीर की आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।

शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “अभ्यर्थियों को उम्र में दी गई छूट इस बात को दर्शाती है कि सरकार हमारे युवाओं की परवाह करती है।” उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय सैन्य मामलों को लेकर जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा, हम अपने देश के युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने और अग्निपथ के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने के लिए आमंत्रित करते हैं।”

जनरल मनोज पांडेय ने कहा जल्द शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया
आयु में छूट के फैसले का स्वागत करते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के लिए नोटीफिकेशन आने वाले दो दिनों में जारी की जाएगी और प्रशिक्षण दिसंबर तक शुरू होगा। उन्होंने एएनआई न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए बताया कि “भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है” और “अगले 2 दिनों के भीतर, नोटीफिकेशन जारी की जाएगी” इसके लिए अभ्यर्थी वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर समय-समय पर चेक करते रहें।

जनरल पांडेय ने आगे कहा, “उसके बाद हमारी ऑर्मी भर्ती संगठन इसके डिटेल शेड्यूल के बारे में विस्तृत जानकारी घोषित करेगी। इस प्रक्रिया के दौरान, हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि सभी अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन और तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिले।” उन्होंने कहा,’जहां तक ​​अग्निवीरों की भर्ती प्रशिक्षण केंद्रों पर जाने का सवाल है तो बता दें कि इनका प्रशिक्षण इसी साल दिसंबर से शुरू होगा।

सरकार ने बताई उम्र में छूट देने की वजह
इसके पहले एक पूर्व बयान में सेना प्रमुख ने कहा था कि आयु सीमा में ढील देने की वजह के पीछे सरकार का निर्णय इस वजह से था क्योंकि ये हमारे ऐसे युवाओं को नया अवसर प्रदान करेगा, जो कोविड महामारी के दौरान भी भर्तियों की तैयारी कर रहे थे। पिछले दो सालों से इनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। ऐसे युवाओं से सरकार ने अपील की है कि वो अग्निवीर की भर्ती में शामिल कर इस अवसर का लाभ उठाएं।

वायुसेना में 24 जून से शुरू होंगी भर्तियां
IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी घोषणा की कि अग्निवीरों की भर्ती की प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू होगी। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत खुशी हो रही है कि पहली भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 23 साल कर दी गई है। इस बदलाव से युवाओं को फायदा होगा। मुझे भरोसा है कि युवा बड़ी संख्या में आवेदन करेंगे। वायु सेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी।”

नौसेना ने युवकों और युवतियों से किया आह्वान
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने टाइम्स नाउ से बातचीत करते हुए बताया, नौसेना का इरादा नवंबर तक अग्निवीरों को प्रशिक्षण देना शुरू करना है। उन्होंने कहा कि नौसेना के अग्निशामकों में महिलाएं भी शामिल होंगी। वहीं नौसेना ने एक बयान में कहा, “सरकार से मिली छूट से उन युवाओं को भर्ती में सुविधा मिलेगी जो कोविड -19 महामारी के दौरान भर्ती के अस्थायी रोक के कारण सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो सके।” नौसेना ने कहा, “वो अग्निवीरों के पहले बैच का स्वागत करने के लिए तैयार है, जिसके लिए भर्ती प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होगी। हम अपने देश के सभी युवकों और युवतियों से भारतीय नौसेना में अग्निवीर के रूप में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र निर्माण के योगदान का आह्वान करते हैं।”

इन राज्यों के युवाओं को मिली भर्ती में 60 फीसदी सफलता
अगर हम दो साल पहले साल 2018-19 और 2019-20 में सेना की भर्तियों का आंकड़ा देखें तो ये बात हमे साफ तौर पर पता चल जाती है। अग्निपथ योजना के खिलाफ जिन राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है उसमें मुख्य रूप से 11 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश का नाम है। (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर,तेलंगाना, असम और पश्चिम बंगाल ) अगर हम इन राज्यों में सबसे ज्यादा ऑर्मी भर्ती में जाने वाले जवानों की बात करें तो इनमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। संसद में इस साल केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर साझा किए गए डेटा के मुताबिक, 2018-19 में कुल 53,431 भर्तियां हुई थीं और 2019-20 में 80,572 लोग रखे गए।

देश के इन राज्यों में हो रहा विरोध
आपको बता दें कि सरकार के अग्निपथ योजना का ऐलान करते ही देश के कई राज्यों में एक साथ विरोध की चिंगारी भड़क उठी। विरोध प्रदर्शन वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, राजस्थान सहित कई राज्य हैं जहां से सेना में अधिक संख्या में जवानों की भर्ती होती है। फिलहाल इन सभी राज्यों में देखें तो इस योजना को लेकर बिहार में सबसे ज्यादा उग्र आंदोलन है। बिहार में विरोध प्रदर्शन को लेकर सबसे ज्यादा हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले सामने आए हैं।

बीते दो सालों से बंद हैं भर्तियां
बीते दो सालों से सेना में भर्तियां बंद चल रही हैं कोरोना काल के चलते रद्द कर दीं गईं कई परीक्षाएं। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा बाकी थी तो कुछ अभ्यर्थियों का मेडिकल टेस्ट बाकी था। कोरोना महामारी की वजह से दो साल से भर्तियों पर रोक लगाई गई थी। ऐसी विषम परिस्थितियों में केंद्र सरकार ने ऐसे अभ्यर्थियों की सुधि नहीं ली जिन्होंने कई परीक्षाएं पास कर ली थी और कुछ बाकी थी। इसबीच सरकार ने अग्निपथ योजना लांच करके इन अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। तैयारी कर रहे युवकों की भर्ती में हो रही देरी से अब उनकी नाराजगी फूट पड़ी है। और पूरे देश में आंदोलन की आग भड़क गई है।