देश में इस समय महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही है लेकिन सरकार का दावा है कि मार्च के मुकाबले अप्रैल महीने में रिटेल महंगाई में कमी दर्ज की गई है। बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने में रिटेल मंहगाई गिरकर 4.29% पर आ गई जबकि मार्च महीने में यह 5.52% दर्ज की गई थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने ये आंकड़े जारी किए हैं।
बता दें कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई देश की रिटेल महंगाई अप्रैल के महीने में 4.29 प्रतिशत पर आ गई। वहीं मार्च में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापा जाने वाला भारत का कारखाना उत्पादन 22.4 प्रतिशत बढ़ गया है। मालूम हो कि मार्च महीने के दौरान रिटेल मंहगाई 5.52 प्रतिशत थी। हाल ही में हुए रॉयटर्स पोल के मुताबिक, अप्रैल में रिटेल महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 4.20 प्रतिशत पर आ गई थी। यह लगातार पांचवां महीना है जब सीपीआई का डेटा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ऊपरी मार्जिन के 6 फीसदी के भीतर आया है। सरकार ने केंद्रीय बैंक से मार्च 2026 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि के लिए रिटेल महंगाई को 4 प्रतिशत पर 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ बनाए रखने के लिए कहा है।
Retail inflation comes down to 4.29% in April from 5.52% in March, as per Ministry of Statistics & Programme Implementation pic.twitter.com/tLgjDhG3km
— ANI (@ANI) May 12, 2021
रिटेल महंगाई के आंकड़े मुख्य रूप से अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति के दौरान RBI द्वारा जारी किए जाते हैं। अप्रैल में हुई अपनी पिछली नीतिगत बैठक में, केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट को 5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। COVID-19 महामारी के चलते ऐसा किया गया था।
पिछले महीने रिटेल महंगाई में कमी खाद्य कीमतों में कमी के चलते आई है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) अप्रैल के महीने में 2.02 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो मार्च में 4.87 प्रतिशत था।
ये गिरावट सब्जी की कीमतों में कमी के चलते हुई है। यही नहीं अनाज और उससे जुड़े उत्पादों, चीनी और कन्फेक्शनरी आइटम की कीमत में भी गिरावट देखी गई है। दूसरी ओर, तेल और फैट उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हुई, जबकि मांस और मछली की कीमत भी बढ़ी है। गैर-मादक पेय पदार्थों में वृद्धि हुई जबकि दालों और उससे जुड़े उत्पादों और अंडे की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।