बिहार में भारत का सबसे बड़ा स्‍वर्ण भंडार मिला है। बिहार भाजपा के अध्‍यक्ष और लोकसभा सदस्‍य संजय जायसवाल ने सदन में सरकार से जानकारी मांगी थी, जिसके बाद सरकार की तरफ से जानकारी दी गई। बताया जा रहा है कि सोने का ये भंडार इतना है कि जितना देश में कहीं नहीं है।

संजय जायसवाल ने सदन में पूछा था कि देश में सर्वाधिक स्‍वर्ण भंडार क्‍या बिहार में है? उन्‍होंने पश्चिम चंपारण समेत अन्‍य जिलों में स्‍वर्ण भंडार का सर्वे कराने की बाबत भी सरकार से जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में खान, कोयला एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पश्चिम चंपारण और गया के कुछ हिस्‍सों में स्‍वर्ण भंडार को लेकर सर्वे किया है और यह पिछले पांच साल के दौरान संयुक्‍त राष्‍ट्र फ्रेमवर्क वर्गीकरण की निगरानी के तहत हुआ है। उन्होंने बताया कि इन इलाकों में स्वर्ण की औसत सांद्रता कम है।

स्वर्ण भंडार के मामले में बिहार आगे

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में बताया कि देश में कुल 501.83 टन का प्राथमिक स्‍वर्ण अयस्‍क भंडार है, जिसमें 654.74 टन स्‍वर्ण धातु है। ये कुल भंडार का 44 फीसदी है। बिहार में इतने बड़े भंडार का मिलना राज्य के लिए अच्छी खबर है। इसके बाद राजस्थान में 25 फीसदी, कर्नाटक में 21 फीसदी, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में 3 फीसदी और झारखंड में 2 फीसदी भंडार है। जमुई के सोनो क्षेत्र में 37.6 टन धातु अयस्‍क सहित 222.885 म‍िलियन टन स्‍वर्ण धातु से संपन्‍न भंडार मिला है।

केंद्र ने सोने सहित अन्य धातुओं की खुदाई से संबंधित नियमों में संशोधन किया है, जिससे सोने समेत अन्य धातुओं के लिए जी-4 स्तर के लाइसेंस की नीलामी की जा सके। इसके बाद सोने को निकालने में लागत कम होने की उम्मीद जताई जा रही है। नेशनल मिनरल इंवेंटरी डाटा के मुताबिक देश में 1 अप्रैल 2015 तक स्वर्ण अयस्क का कुल भंडार 50.183 करोड़ टन है, जिसमें से 1.722 करोड़ टन सुरक्षित और शेष संसाधनों की कैटेगरी में हैं।