कोरोना संकट में सोशल मीडिया पर हो रही आलोचनाओं से बिफरी मोदी सरकार ने व्हाट्सअप को नोटिस भेजकर कहा- कंपनी अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को रद्द करे। नोटिस में कहा गया है कि फेसबुक की सहयोगी कंपनी अगर 25 मई तक जवाब नहीं देती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसमें लीगल एक्शन भी शामिल है।

मौजूदा साल में यह दूसरी बार है जब सरकार ने फेसबुक की कंपनी को नोटिस भेजा है। इससे पहले प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर ही व्हाट्सएप के सीईओ विल कैचकर्ट को पत्र लिख कहा गया था कि कंपनी इसमें तत्काल परिवर्तन करे। आईटी मंत्रालय का कहना है कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है। कंपनी की पॉलिसी से गलत संदेश जा रहा है। सरकार का कहना है कि कंपनी के नए नियम यूरोप के यूजर्स पर इस्तेमाल नहीं होते हैं तो भारत में इन्हें क्यों थोपा जा रहा है।

मार्च में मंत्रालय ने अपनी यही बात हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भी दोहराई थी। सरकार का कहना है कि नई पॉलिसी से डेटा ब्रीच जैसा खतरा पैदा हो रहा है। लोगों की निजता के साथ ये खिलवाड़ है।

उधर, एक अन्य घटनाक्रम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने अपने ‘कोविड-19 घोषणा’ के लिये तैयार साधन का भारत में विस्तार किया है ताकि लोगों तक कोरोना संक्रमण से संबंधित सही जानकारी पहुंच सके। अमेरिका के बाद भारत दूसरा देश है जहां इस फीचर को जारी किया गया है।

फेसबुक ने बुधवार को एक बयान में कहा- इस फीचर को जारी करने के लिए 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी की गई है। कोविड-19 घोषणा फीचर स्वास्थ्य विभाग को लोगों तक कोरोना से संबंधित सही जानकारी पहुंचाने और टीकाकरण की सूचना देने में मदद करेगा। राज्य इस फीचर का इस्तेमाल राज्य स्तर या किसी विशेष शहर के लिए भी कर सकेंगे।

कंपनी ने कहा कि यह फीचर कोरोना संकट के दौरान लोगों को सुरक्षित और सूचित करने को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों के काम का समर्थन करने के लिए कंपनी के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। फेसबुक ने कहा- स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण से संबंधित फेसबुक पर साझा की गई किसी भी जानकारी को अधिक लोगों तक पहुंचाने में हम पूरी मदद करेंगे। हम लोगों को प्रभावित इलाकों और कोविड जानकारी केंद्रों के बारे में सूचित भी करेंगे।